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Makar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व

मकर संक्रांति के त्योहार को हिंदू धर्म में विशेष माना गया हैं वही हर साल यह पर्व 14 जनवरी को पड़ता हैं यह लोहड़ी से एक दिन बाद मनाई जाती हैं मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य भगवान को समर्पित होता हैं यह सूर्य के पारगमन के पहले दिन का संकेत होता हैं इस दिन सूर्य
Makar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व

मकर संक्रांति के त्योहार को हिंदू धर्म में विशेष माना गया हैं वही हर साल यह पर्व 14 जनवरी को पड़ता हैं यह लोहड़ी से एक दिन बाद मनाई जाती हैं मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य भगवान को समर्पित होता हैंMakar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व यह सूर्य के पारगमन के पहले दिन का संकेत होता हैं इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता हैं साथ ही यह पर्व शिशिर ऋतु की समाप्ति और वसंत के आने का प्रतीक भी माना गया हैं वही आज हम आपको इस त्योहार का इतिहास और उसके महत्व के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Makar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व

मकर संक्रांति के पर्व को लेकर अलग अलग तरह की मान्यताएं हैं ऐसा बताया गया है कि भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु पर वरदान प्राप्त था। ऐसे में उनका पुनर्जन्म न हो इसलिए उन्होंने सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर ही इच्छा मृत्यु प्राप्त की।Makar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व उत्तरायण अवधि के इंतजार में वो अर्जुन द्वारा बनाई गई बाणशैया पर ही पड़े थे। इसके अलावा भी कई कथाएं प्रचलित हैं इन्हीं में से एक अन्य कथा हैं कि माता यशोदा ने इसी दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत किया था। ऐसे में इस दिन कई महिलाएं तिल, गुड़ आदि दूसरी महिलाओं को बांटती हैं साथ ही कहा जाता है कि भगवान श्रीविष्णु से तिल की उत्पत्ति हुई थी। इसका प्रयोग पापों से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता हैं।Makar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व

मकर संक्रांति पर स्नान का बहुत महत्व होता हैं इस दिन लोग गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्ण, कावेरी, शिप्रा या नर्मदा नदियों में स्नान करते हैं इस दिन कई तरह के अनुष्ठाान भी किए जाते हैं।Makar sankranti: जानिए मकर संक्रांति का इतिहास और महत्व

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