Samachar Nama
×

महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचार

कोरोना महामारी ने देश दुनिया पर अपना कहर जारी रखा है इस महामारी के कारण कई लोग अपने जान भी गवा चुके है अधिकतर लोगों को परेशानियों और समस्याओं ने घेर लिया है ऐसी स्थिति में महावीर जयंती का पर्व देशभर में मनाया गया यह पर्व तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का त्योहार
महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचार

कोरोना महामारी ने देश दुनिया पर अपना कहर जारी रखा है इस महामारी के कारण कई लोग अपने जान भी गवा चुके है अधिकतर लोगों को परेशानियों और समस्याओं ने घेर लिया है ऐसी स्थि​ति में महावीर जयंती का पर्व देशभर में मनाया गया यह पर्व तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का त्योहार माना जाता हैं महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचारमहावीर जयंती को भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थकर हैं महावीर जयंती पर जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है जरूरतमंदों को दान दिया जाता हैं। इस पर्व का विशेष महत्व होता हैं।महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचार

भगवान महावीर स्वामी ने अहिंसा परमोधर्म के सिद्धांत को अपनाकर विश्व को शांति का संदेश दिया। महावीर स्वामी का जन्म ऐसे युग में हुआ, जब हिंसा और जाति पाति के भेदभाव का अंधविश्वास था। भगवान महावीर स्वामी ने 30 साल की आयु में वैराग्य लिया। 12 साल के कठोर तप के बाद उन्हें सच्चा ज्ञान प्राप्त हुआ। 30 साल तक उन्होंने त्याग, प्रेम और अहिंसा का संदेश फैलाया। वह जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर बनें। महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचारभगवान महावीर ने अहिंसा को जैन धर्म का आधार बनाया। भगवान महावीर का जन्म राज परिवार में हुआ। संसार को ज्ञान का संदेश देने वाले भगवान महावीर ने घोर तपस्या से अपनी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त की, जिस कारण उन्हें महावीर कहा गया। उन्हें कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। उन्होंने अपने उपदेशों द्वारा समाज का कल्याण किया। महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचारउन्होंने अपनी शिक्षाओं में सत्य का पालन करों, अहिंसा को अपनाओ, जिओ और जीने दो की सीख दी। पंचशील सिद्धांत के प्रर्वतक और जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी अहिंसा के प्रमुख ध्वजवाहकों में से एक हैं।महामारी के दौर में तप से जीवन पर विजय प्राप्त करने का संदेश देते है महावीर स्वामी के ये विचार

Share this story