ग्रहों के शुभ संयोग बनने से 21 फरवरी को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही खास माना जाता हैं, वही शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि पर सृष्टि का आरंभ हुआ था। इसलिए इस दिन व्रत उपवास और शिव आराधना का विशेष महत्व होता हैं पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं शिवरात्रि पर रात के चारों प्रहर में भगवान भोलेनाथ की आराधना की जाती हैं इस बार ग्रहों और नक्षत्रों के शुभ संयोग पर यह पर्व 21 फरवरी 2020 को मनाया जाएगा। वही ज्योतिष के मुताबिक जब सूर्य कुंभ राशि और चंद्र श्रवण नक्षत्र के साथ मकर राशि में होता हैं तब फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात ये पर्व मनाया जाता हैं वही 21 फरवरी 2020 की शाम 5.36 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी और 22 फरवरी तक रहेगी। इसलिए इस वर्ष ये त्योहार 21 फरवरी को मनाया जाएगा।
वही शिवरात्रि पूजन रात्रि के वक्त एक बार या चार बार किया जा सकता हैं रात्रि के चार प्रहर होते हैं और शिवपुराण के मुताबिक हर प्रहर में भोलेनाथ की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति जातक को होती हैं शिवरात्रि के दिन सन्ध्याकाल से पहले स्नान कर पूजन करें या मन्दिर में जाए। वही भगवान शिव की पूजा रात में भी करना चाहिए महाशिवरात्रि पर पूरी रात जागरण और पूजन करने के बाद अगले दिन अपना व्रत तोड़ सकते हैं। बता दें कि साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता हैं मगर फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता हैं।