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Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्व

हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही महाशिवरात्रि का व्रत विशेष माना गया हैं दक्षिण भारतीय पंचांग के मुताबिक माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं इस दिन शिव भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करते हैं व्रत और रात्रि
Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्व

हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही महाशिवरात्रि का व्रत विशेष माना गया हैं दक्षिण भारतीय पंचांग के मुताबिक माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं इस दिन शिव भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करते हैं Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्वव्रत और रात्रि जागरण करते हैं मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव की विधि विधान से पूजा करने वालों के सभी दुखों का नाश हो जाता हैं इस साल महाशिवरात्रि 11 मार्च दिन गुरुवार को पड़ रही हैं तो आज हम आपको महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथा बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्व

जानिए महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा—
शिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलति हैं जिनमें से एक के अनुसार मां पार्वती ने शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घनघोर तपस्या की थी। कथा अनुसार इसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता हैं।Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्व

गरुड़ पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार इस दिन एक निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार खेलने गया किन्तु उसे कोई शिकार नहीं मिला। वह थककर भूख प्यार से परेशान हो एक तालाब के किनारे गया, जहां बिल्व पेड़ के नीचे शिवलिंग था। अपने शरीर को आराम देने के लिए उसने उनपर तालाब का जल छिड़का।Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्व जिसकी कुछ बूदें शिवलिंग पर जा गिरी। ऐसा करते समय उसका एक तीर नीचे गिर गया जिसे उठाने के लिए वह शिवलिंग के सामने नीचे को झुका। इस तरह शिवरात्रि के दिन शिव पूजा की पूरी प्रक्रिया उसने अनजाने में ही पूरी कर ली। मृत्यु के बाद जब यमदूत उसे लेने आए, तो शिव के गणों ने उसकी रक्षा की और उन्हें भगा दिया। कहा जाता है कि शिव अनजाने में अपने भक्त को इतना फल देते हैं तो विधि विधान से पूजा करने वाले भक्तों को किसी तरह की कमी नहीं रहती हैं।Mahashivratri vrat 2021: महाशिवरात्रि पर जरूर पढ़ें ये पौराणिक कथा, जानिए महत्व

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