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महासिद्धिदात्री होती है महाशिवरात्रि, जानिए महत्व

शास्त्र के मुताबिक संसार में अनेकानेक प्रकार के व्रत विविध तीर्थस्नान नाना प्रकारेण दान अनके तरह के यज्ञ तरह तरह के तप और जप आदि भी महाशिवरात्रि व्रत की समानता नहीं कर सकते हैं अपने हित साधनार्थ सभी को इस व्रत का अवश्य ही पालन करना चाहिए। बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त महादेव की विधि विधान से पूजन करते हैं महाशिवरात्रि व्रत मंगलमय और दिव्यतापूर्ण है
महासिद्धिदात्री होती है महाशिवरात्रि, जानिए महत्व

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के पर्व को विशेष महत्व दिया गया हैं, यह प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता हैं वही शास्त्र के मुताबिक संसार में अनेकानेक प्रकार के व्रत विविध तीर्थस्नान नाना प्रकारेण दान अनके तरह के यज्ञ तरह तरह के तप और जप आदि भी महाशिवरात्रि व्रत की समानता नहीं कर सकते हैं Image result for maha shivratriअपने हित साधनार्थ सभी को इस व्रत का अवश्य ही पालन करना चाहिए। बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त महादेव की विधि विधान से पूजन करते हैं महाशिवरात्रि व्रत मंगलमय और दिव्यतापूर्ण हैं इससे सदा सर्वदा भोग और मोक्ष की प्राप्ति मनुष्य को हो सकती हैImage result for maha shivratri यह महाशिवरात्रि व्रत व्रतराज के नाम से भी जानी जती हैं एवं चारों पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्रदान करने वाली हैं वही अगर हो सके तो इस महाशिवरात्रि के व्रत को जीवन पर्यंत करें नहीं तो चैदह सालों के बाद पूर्ण विधि विधान के साथ उद्यापन कर सकते हैं। Image result for maha shivratriमहाशिवरात्रि यानी व्रतराज के सिद्धांत और पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक शिवरात्रि के व्रत के बारे में भिन्न भिन्न बातें कही गई हैं मगर सर्वसाधारण मान्यता के मुताबिक जब प्रदोष काल रात्रि का आरंभ और निशीथ काल के समय चतुर्दशी तिथि रहे उसी दिन शिवरात्रि का व्रत होता हैं।महासिद्धिदात्री होती है महाशिवरात्रि, जानिए महत्व वही जातकों को यह व्रत प्रात काल से चतुर्दशी तिथि रहते रात्रि पर्यन्त तक करना चाहिए। रात्रि के चारों प्रहरों में शिव की आराधना करने का विधान होता हैं इस विधि से व्रत से जागरण पूजा उपवास तीनों पुण्य कर्मों का एक साथ पालन हो जाता हैं और शिव की विशेष कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती हैं। Image result for maha shivratri

शास्त्र के मुताबिक संसार में अनेकानेक प्रकार के व्रत विविध तीर्थस्नान नाना प्रकारेण दान अनके तरह के यज्ञ तरह तरह के तप और जप आदि भी महाशिवरात्रि व्रत की समानता नहीं कर सकते हैं अपने हित साधनार्थ सभी को इस व्रत का अवश्य ही पालन करना चाहिए। बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त महादेव की विधि विधान से पूजन करते हैं महाशिवरात्रि व्रत मंगलमय और दिव्यतापूर्ण है महासिद्धिदात्री होती है महाशिवरात्रि, जानिए महत्व

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