भगवान शिव के पूजन में जरूर पढ़ें शिव आरती
भगवान शिव और देवी मां पार्वती के विवाह का शुभ दिन महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी 2020 को पड़ रहा हैं इस दिन देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा का दिन होता हैं महाशिवरात्रि के दिन शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा मुख्य रूप से अर्पित किया जाता हैं विधि विधान से पूजा करने के बाद शिव की आरती जरूरी करें। आरती संपन्न होने के बाद कर्पूरगौरं मंत्र का उच्चारण भी भक्तों को अवश्य करना चाहिए। तो आज हम आपके लिए लेकर आए है शिव की पूरी आरती। पढ़ें भगवान शिव की आरती—
जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।। ओम जय शिव ओंकारा…
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे।। ओम जय शिव ओंकारा…
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।। ओम जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी।। ओम जय शिव ओंकारा…
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे।। ओम जय शिव ओंकारा…
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी।। ओम जय शिव ओंकारा…
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका।। ओम जय शिव ओंकारा…
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।। ओम जय शिव ओंकारा…
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।। ओम जय शिव ओंकारा…
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।। ओम जय शिव ओंकारा…
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे।। ओम जय शिव ओंकारा..