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शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या

श्रीकृष्ण को जिस रूप में मंदिर या तस्वीर में देखते हैं, वो किसी का भी मन मोह सकता हैं वास्तव में पुराणों में उल्लेखित प्रसंग और धार्मिक कहानियों के आधार पर ही भगवान के वास्तविक रूप का अंदाजा लगाया जा सकता है भागवतपुराण में ऐसी ही एक कहानी प्रचलित हैं जिसके मुताबिक द्वापर युग में कृष्ण के जन्म लेने पर स्वर्गलोक में सभी देवतागण कृष्ण से मिलने के लिए व्याकुल थे
शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या

श्रीकृष्ण सभी का मन मोह लेने वाले हैं भगवान श्रीकृष्ण को हम जिस रूप में मंदिर या तस्वीर में देखते हैं, वो किसी का भी मन मोह सकता हैं वही वास्तव में पुराणों में उल्लेखित प्रसंग और धार्मिक कहानियों के आधार पर ही भगवान के वास्तविक रूप का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। Image result for lord shivaभागवतपुराण में ऐसी ही एक कहानी प्रचलित हैं जिसके मुताबिक द्वापर युग में भगवान कृष्ण के जन्म लेने पर स्वर्गलोक में सभी देवतागण भगवान कृष्ण से मिलने के लिए व्याकुल थे। मगर भगवान कृष्ण का जन्म किसी उद्देश्य के लिए हुआ था। जिसे पूरा किए बिना भगवान कृष्ण वैकुंठ नहीं लौट सकते थे। देवताओं के कृष्ण से मिलने की एक कहानी के मुताबिक शिव ने भगवान कृष्ण के दर्शन मात्र के लिए घोर तपस्या की थी। तो आज हम आपको उसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या

कथा के मुताबिक एक दिन कैलाश पर्वत पर विराजमान शिव की तीव्र इच्छा भगवान कृष्ण से मिलने की हुई। वे बिना किसी को कुछ बताए, भगवान कृष्ण से मिलने गोकुल पहुंच गए। वहां उन्होंने एक साधु का रूप धारण कर लिया मगर विषपान करने के कारण शिव का नीला पड़ चुका रंग इसलिए वे साधु के वेश में भी नीले ही प्रतीत हो रहे थे।शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या माता यशोदा ने जब साधु का रूप धारण किए शिव को देखा, तो उनका रूप देखकर वो बहुत ही भयभीत हो गए। उन्होंने ममतावश अपने पुत्र कन्हैया को शिव से मिलने नहीं दिया और वहां से आदरपूर्वक प्रस्थान करने के लिए कह दिया।शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या

शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए, मथुरा स्थित बने एक ताल के पास बैठकर तपस्या करनी प्रारंभ कर दी। उन्हें विश्वास था कि एक दिन भगवान कृष्ण इस ताल के पास जरूर आएंगे। शिव ने 12 हजार सालों तक भगवान कृष्ण से मिलने की प्रतीक्षा की। वही 12 हजार सालों के बाद भगवान कृष्ण, शिव से मिलने मथुरा के उस ताल पर गए। भगवान कृष्ण शिव के प्रेम को देखकर बहुत अधिक प्रसन्न हो गए। उन्होंने मथुरा स्थित इस ताल का नाम, शिवताल रख दिया। शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या

श्रीकृष्ण को जिस रूप में मंदिर या तस्वीर में देखते हैं, वो किसी का भी मन मोह सकता हैं वास्तव में पुराणों में उल्लेखित प्रसंग और धार्मिक कहानियों के आधार पर ही भगवान के वास्तविक रूप का अंदाजा लगाया जा सकता है भागवतपुराण में ऐसी ही एक कहानी प्रचलित हैं जिसके मुताबिक द्वापर युग में कृष्ण के जन्म लेने पर स्वर्गलोक में सभी देवतागण कृष्ण से मिलने के लिए व्याकुल थे शिव ने श्रीकृष्ण से मिलने के लिए की थी सालों तपस्या

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