Samachar Nama
×

सुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता हैं मां लक्ष्मी का व्रत

महालक्ष्मी की पूजा से श्रीहरि भगवान श्री विष्णु भी प्रसन्न हो जाते हैं हिंदू मान्यता हैं कि इस व्रत को रखने से निर्धनता से मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती हैं वही अगर कोई व्यक्ति निरंत 16 वर्षों तक यह व्रत करता हैं तो उसे किसी भी जन्म में दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता हैं इस व्रत में सोलह संख्या का विशेष महत्व होता हैं
सुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता हैं मां लक्ष्मी का व्रत

आपको बता दें, देवी मां लक्ष्मी को धन दौलत और सुख समृद्धि व वैभव की देवी माना जाता हैं वही महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता हैं, जिसका समापन अश्विन मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता हैं वही महालक्ष्मी व्रत रखने से सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती हैं इस व्रत के प्रभाव से दरिद्रता दूर हो जाती हैं इस व्रत को करने से घर में कलह कलेश नहीं होता हैं और परिवार में प्रेम भाव बना रहता हैं वही 16 दिन के इस व्रत में अंतिम दिन बहुत ही फलदायी और लाभकारी माना जाता हैं।सुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता हैं मां लक्ष्मी का व्रत

महालक्ष्मी की पूजा से श्रीहरि भगवान श्री विष्णु भी प्रसन्न हो जाते हैं हिंदू मान्यता हैं कि इस व्रत को रखने से निर्धनता से मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती हैं वही अगर कोई व्यक्ति निरंत 16 वर्षों तक यह व्रत करता हैं तो उसे किसी भी जन्म में दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता हैंसुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता हैं मां लक्ष्मी का व्रत इस व्रत में सोलह संख्या का विशेष महत्व होता हैं सोलह गांठ, सोलह बार मुंह धानो, सोलह बार तर्पण, सोलह दीपक, सोलह बोल की कहानी, सोलह श्रृंगार, सोलह दिन का व्रत, वही सोलह दूर्वा का विधान होता हैं। वही खासतौर पर सुहागिन ​महिलाओं इस व्रत का अनुष्ठान अवश्य ही करना चाहिए। महालक्ष्मी का व्रत अंति दिन की पूजा प्रदोष काल में होती हैं इस व्रत में हाथ की कलाई में बधां हुआ डोरा बांधा जाता हैं जिसमें 16 गांठें लगी होनी चाहिए। वही 16 गांठों वाले धागे को तिजोरी में संभालकर रखा जाता हैंसुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता हैं मां लक्ष्मी का व्रत

महालक्ष्मी की पूजा से श्रीहरि भगवान श्री विष्णु भी प्रसन्न हो जाते हैं हिंदू मान्यता हैं कि इस व्रत को रखने से निर्धनता से मनुष्य को मुक्ति प्राप्त होती हैं वही अगर कोई व्यक्ति निरंत 16 वर्षों तक यह व्रत करता हैं तो उसे किसी भी जन्म में दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता हैं इस व्रत में सोलह संख्या का विशेष महत्व होता हैं सुख समृद्धि और वैभव प्रदान करता हैं मां लक्ष्मी का व्रत

Share this story