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इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योग

महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास दिन होता हैं इस दिन शिव की आराधना उपासना से भक्त उन्हें प्रसन्न करते हैं इस बार 21 फरवरी दिन शुक्रवार को फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सायंकाल 5.21 बजे तक हैं उसके बाद चतुर्दशी हैं इसी दिन सायंकाल 6.35 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र हैं। फिर श्रवण नक्षत्र हैं।
इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योग

आपको बता दें महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास दिन होता हैं इस दिन शिव की आराधना उपासना से भक्त उन्हें प्रसन्न करते हैं वही इस बार 21 फरवरी दिन शुक्रवार को फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सायंकाल 5.21 बजे तक हैं उसके बाद चतुर्दशी हैं इसी दिन सायंकाल 6.35 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र हैं।इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योग फिर श्रवण नक्षत्र हैं। वही हिंदू धर्म के कामिक नामक ग्रंथ में कहा गया हैं कि सूर्य के अस्त समय अ​गर चतुर्दशी हो, तो उस रात्रि को शिवरात्रि कहा जाता हैं वही गुरुवार को चन्द्र के प्रधान नक्षत्र की युति होने से यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्ति और ऐश्वर्य की इच्छा रखने वालों के लिए दुर्लभ अवसर बन गया हैंइस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योग वही सर्वार्थ सिद्धि और आनंद योग इस अवसर को और अधिक शुभ बन रहे हैं वही प्रात कालीन गोचर में सूर्य, बुध व चंद्र का लग्नस्थ होना शिव का शुभ आशीष मिलने का संकेत भी दे रहा हैं।इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योगवही यह त्योहार सत्य और शक्ति दोनों को ही पोषित करने वाला माना जाता हैं। बता दें कि महाशिवरात्रि को रात्रि के चारों पहरों में पृथक पूजन का भी विधान होता हैं प्रथम पहर में दूध से शिव का स्नान और ‘ॐ ह्रीं ईशानाय नम:’ का जाप करना चाहिए। इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योगवही ​दूसरे पहर में दधि स्नान करना चाहिए और ‘ॐ ह्रीं अघोराय नम:’का जाप करना चाहिए। वही तीसरे पहर में घृत स्नान और मंत्र ‘ॐ ह्रीं वामदेवाय नम:’ का जाप करना शुभ होता हैं वही चौथे और आखिर पहर में मधु स्नान शिव को करना चाहिए और ‘ॐ ह्रीं सद्योजाताय नम:’ मंत्र जाप करना चाहिए।इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योग

वही अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष के लक्षण हैं तो इस छोटी सी क्रिया को ​महाशिवरात्रि के दिन सुबह महध्याह्न और सायंकाल में जरूर करें। इस क्रिया को हर सोमवार को भी किया जा सकता हैं।

 

महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास दिन होता हैं इस दिन शिव की आराधना उपासना से भक्त उन्हें प्रसन्न करते हैं इस बार 21 फरवरी दिन शुक्रवार को फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सायंकाल 5.21 बजे तक हैं उसके बाद चतुर्दशी हैं इसी दिन सायंकाल 6.35 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र हैं। फिर श्रवण नक्षत्र हैं। इस महाशिवरात्रि पर ऐश्वर्य प्राप्ति का दुर्लभ योग

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