महाशिवरात्रि पूजन में आज पढ़ें शिव की आरती
आज देशभर में महाशिवरात्रि का का महापर्व धूम धाम के साथ मनाया जा रहा हैं इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ की विशेष पूजा करते हैं और व्रत उपवास भी रखते हैं इस दिन देवी पार्वती और शिव की पूजा सच्चे मन और विधि विधान के साथ करने से भक्तों को भोलेनाथ की पूर्ण कृपा प्राप्त होती हैं वही महाशिवरात्रि का पूजन करते वक्त शिव आरती करना बहुत ही जरूरी माना जाता हैं इसलिए आज हम महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की पूर्ण आरती लेकर आएं हैं तो आज पढ़ें शिव जी की आरती। महाशिवरात्रि पूजन में पढ़े शिव आरती—
जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।। ओम जय शिव ओंकारा…
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे।। ओम जय शिव ओंकारा…
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।। ओम जय शिव ओंकारा…
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी।। ओम जय शिव ओंकारा…
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे।। ओम जय शिव ओंकारा…
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी।। ओम जय शिव ओंकारा…
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका।। ओम जय शिव ओंकारा…
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।। ओम जय शिव ओंकारा…
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।। ओम जय शिव ओंकारा…
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।। ओम जय शिव ओंकारा…
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे।। ओम जय शिव ओंकारा…
कर्पूरगौरं मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारंं, संसारसारं भुजगेंद्रहारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविंदे, भवं भवानीसहितं नमामि।।