Magh purnima 2021: 27 फरवरी को महापुण्य फलदायी माघ पूर्णिमा, जानिए इस दिन का महत्व
हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक माघ पूर्णिमा तिथि 27 फरवरी दिन शनिवार को पड़ रही हैं माघ पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता हैं इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं तो आज हम आपको माघ पूर्णिमा के महत्व के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्त पापा पापास्त्रिदिवं प्रयान्ति। अर्थ— माघ में शीतल जल में डुबकी लगाने से मनुष्य पापमुक्त होकर स्वर्गलोक चले जाते हैं सभी बारह महीनों में केवल माघ का महीना ही ऐसा है जिसमें सूर्य के मकर राशि पर आ जाने से देवता भी अपना अपना लोक छोड़कर महापर्यंत पृथ्वी पर प्रयाग तीर्थ में एकत्रित होकर स्नान दान आदि करते हैं माना जाता है कि प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर स्वयं देवता भी मनुष्य रूप धारण करके भजन सत्संग आदि करते हैं और कल्पवास करने वालों के लिए भोजन आदि का प्रबंधन भी करते हैं। अपना अपना वेष बदलकर परमेश्वर के सत्संग का आनंद भी लेते हैं इस दिन सभी देवी देवता अंतिम बार स्नान करके अपने लोकों को प्रस्थान करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप इसी दिन से संगम तट पर गंगा, यमुना और सरस्वती की जल राशिओं का स्तर कम होने लगता हैं। सभी श्रद्धालुओं को इस दिन तीर्थ स्थल पर जाकर पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी तरह के तापों से मुक्ति मिल जाती हैं।
शास्त्र अनुसार अगर माघ पूर्णिमा के दिन संयोगवश पुष्य नक्षत्र पड़ जाय तो तिथि का पुण्य अक्षुण हो जाता हैं इस दिन किया गया सत्कर्म अमोघ्ज्ञ फलदाई रहेगा। इस दिन सुवर्ण, तिल, कम्बल, पुस्तकें, पंचांग, कपास के वस्त्र और अन्नादि दान करने से सुकृत्य मिलता हैं।