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जानिए बुध प्रदोष व्रत का ​महत्व और नियम

साल 2020 का दूसरा प्रदोष व्रत बुधवार यानी आज पड़ रहा हैं। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जा रहा हैं हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता हैं। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में आता हैं यह व्रत त्रोयदशी तिथि के दिन किया जाता हैं।
जानिए बुध प्रदोष व्रत का ​महत्व और नियम

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को विशेष महत्व दिया जाता हैं यह व्रत शिव की कृपा पाने का एक सरल मार्ग होता हैं, वही साल 2020 का दूसरा प्रदोष व्रत बुधवार यानी आज पड़ रहा हैं। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जा रहा हैंImage result for प्रदोष व्रत हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता हैं। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में आता हैं यह व्रत त्रोयदशी तिथि के दिन किया जाता हैं। वही धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस व्रत का बहुत अधिक महत्व होता हैं तो आज हम आपको प्रदोष व्रत के महत्व और नियम के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Image result for प्रदोष व्रत

जानिए प्रदोष व्रत की पूर्ण विधि—
बता दें कि इस व्रत को करते वक्त कुछ विशेष बातों का खान रखना होता हैं वही व्रत वाले दिन सभी कार्यों से निर्वित होकर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान का ध्यान करे और व्रत का संकल्प लें। स्वच्छ वस्त्रों को धारण करके भगवान शिव की पूजा अवश्य करें।Image result for प्रदोष व्रत पूजन स्थल पर उत्तर या पूर्व की दिशा की ओर मुख करके बैठे। भगवान को गंगाजल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प अक्षत, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें। वही ओम नम: शिवाय मंत्र का सच्चे मन का जाप करें। शिव चालीसा और आरती करें। पूजा संपूर्ण होने के बाद प्रसाद का वितरण करें।जानिए बुध प्रदोष व्रत का ​महत्व और नियम

जानिए प्रदोष व्रत के नियम—
आपको बता दें कि प्रदोष व्रत वाले दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस दिन गलत कामों को करने से बचें। वाद विवाद से बचना चाहिए। मांस मंदिरा का सेवन भी आज के दिन नहीं करना चाहिए। मन में किसी के प्रति गलत विचार या भावनाओं को नहीं रखना चाहिए। सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और अपनी गलतियों की क्षमा भी मांगनी चाहिए।

साल 2020 का दूसरा प्रदोष व्रत बुधवार यानी आज पड़ रहा हैं। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जा रहा हैं हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता हैं। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में आता हैं यह व्रत त्रोयदशी तिथि के दिन किया जाता हैं। जानिए बुध प्रदोष व्रत का ​महत्व और नियम

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