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श्रीकृष्ण से सीखें रिश्ते निभाने की कला

ये बात तो विश्व विख्यात हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के लिए सुदामा की दोस्ती के क्या मायने थे। सुदामा और श्रीकृष्ण की दोस्ती ऊंच नीच, अमीर गरीब, छोटे बड़े के भेद को समाप्त करती हैं, हर व्यक्ति को दोस्ती जैसे रिश्ते की अहमियत समझाती हैं वही सुदामा बहुत ही गरीब थे मगर श्रीकृष्ण के बालसखा थे लेकिन श्री कृष्ण ने अपनी दोस्ती के बीच कभी उनकी हैसियत को नहीं आने दिया।
श्रीकृष्ण से सीखें रिश्ते निभाने की कला

आज कल के इस भौतिकवाद युग में हर मनुष्य यह मानता हैं कि अगर तुम मुझे याद नहीं करते हो तो मै भी तुम्हें याद क्यों करूं ऐसे में आज समाज के लिए रिश्तों के मायने भी पूरी तरह से बदल चुके हैं अगर आपके रिश्तों में भी इसी तरह से कड़वाहट घुलती जा रही हैं श्रीकृष्ण से सीखें रिश्ते निभाने की कलातो आपको सचेत होने की जरूर हैं और आवश्यकता हैं अपने रिश्तों को संभालने की, वही आज हम आपको भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार कृष्ण के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने हर रिश्ते को बड़ी ही ईमानदारी के साथ निभाया हैं, तो आइए जानते हैं।श्रीकृष्ण से सीखें रिश्ते निभाने की कला

बता दें कि ये बात तो विश्व विख्यात हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के लिए सुदामा की दोस्ती के क्या मायने थे। सुदामा और श्रीकृष्ण की दोस्ती ऊंच नीच, अमीर गरीब, छोटे बड़े के भेद को समाप्त करती हैं। आज हर व्यक्ति को दोस्ती जैसेरिश्ते की अहमियत समझाती हैं वही सुदामा बहुत ही गरीब थे मगर श्रीकृष्ण के बालसखा थे लेकिन श्री कृष्ण ने अपनी दोस्ती के बीच कभी उनकी हैसियत को नहीं आने दिया। श्रीकृष्ण से सीखें रिश्ते निभाने की कलावही ऐसा भी कहा जाता हैं, कि भगवान कृष्ण महाभारत के अर्जुन और द्रौपदी के भी बहुत ही अच्छे मित्र थे। भगवान कृष्ण का लालन पालन नंदबाबा और यशोदा मैया के आंगन में हुआ था मगर श्री कृष्ण ने देवकी और वासुदेव जी को भी अपने जीवन में उतना ही महत्व दिया और दोनो ही जगह एकआदर्श बेटा बनकर अपना कर्तव्य निभाया। कि श्री कृष्ण की हजारों गोपियां थी मगर राधा के प्रति श्रीकृष्ण का प्रेम सबसे गहरा था।

ये बात तो विश्व विख्यात हैं कि भगवान श्रीकृष्ण के लिए सुदामा की दोस्ती के क्या मायने थे। सुदामा और श्रीकृष्ण की दोस्ती ऊंच नीच, अमीर गरीब, छोटे बड़े के भेद को समाप्त करती हैं, हर व्यक्ति को दोस्ती जैसे रिश्ते की अहमियत समझाती हैं वही सुदामा बहुत ही गरीब थे मगर श्रीकृष्ण के बालसखा थे लेकिन श्री कृष्ण ने अपनी दोस्ती के बीच कभी उनकी हैसियत को नहीं आने दिया। श्रीकृष्ण से सीखें रिश्ते निभाने की कला

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