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अंधेरे कमरे में रहने से विचार होते है नकारात्मक

जयपुर। सूर्यदेव अग्नि के स्वरूप माने जाते है, सूर्य से ही हमें ऊर्जा मिलती है। पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणीयों के जीवन का आधार सूर्य ही हैं। सूर्य के बगैर सौरमंडल की कल्पना नहीं की जा सकती। वास्तु में सूर्य को विशेष महत्व दिया जाता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत्र माना जाता है।
अंधेरे कमरे में रहने से विचार होते है नकारात्मक

जयपुर। सूर्यदेव अग्नि के स्वरूप माने जाते है, सूर्य से ही हमें ऊर्जा मिलती है। पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणीयों के जीवन का आधार सूर्य ही हैं। सूर्य के बगैर सौरमंडल की कल्पना नहीं की जा सकती। वास्तु में सूर्य को विशेष महत्व दिया जाता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत्र माना जाता है।

आज हम इस लेख में आपको सूर्य से जुड़े कुछ आसान से वास्तु के उपायों के उपाय बता रहें हैं जिन्हें अपनाकर जीवन में हम सभी को लाभ मिलेगा इसके साथ ही इन विचारों के कारण मन की नकारात्मकता का भी अन्त होगा।

अंधेरे कमरे में रहने से विचार होते है नकारात्मक

  • पुराणों में कहा गया है कि सूर्योदय से पहले का समय ब्रह्ममुहूर्त का समय होता है इस समय में अध्ययन करने से जल्दी याद होता है। इसलिये पढ़ाई के लिए इस समय को सबसे सही समय माना जाता है। इस समय का सदुपयोग करते हुये इस समय पढाई करने से याद होता है।

अंधेरे कमरे में रहने से विचार होते है नकारात्मक

  • सुबह का समय सभी जीव जन्तु व इंसानों के लिए नयी ऊर्जा का भंडार माना जाता है। सुबह के समय की किरणें स्वास्थ्य के लिये अच्छी मानी जाती हैं। वास्तु के अनुसार सुबह के समय घर के दरवाजे और खिड़कियों को हमेशा खोल कर रखें व सूर्य की ऊर्जा, सुबह की धूप ओर हवा को घर के अन्दर प्रवेश करने दे। इसके साथ ही घर की नकारात्मक शक्ति का नाश भी इस ऊर्जा से होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से हानि कारक जीवों का भी नाश होता है।

अंधेरे कमरे में रहने से विचार होते है नकारात्मक

  • वास्तु में ऐसा माना जाता है कि जिस घर में सूर्य का प्रकाश नहीं आता उस घर में डॉक्टर का आना जाना लगा रहता है। क्योकि अंधेरे कमरे में रहने से घर के अंदर कई सारी बीमार पनपने लगती हैं। इसके साथ ही अंधेरे कमरे में रहने वालों के विचारों पर भी नकारात्मकता झलकने लगती है।

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