स्टीफन हॉकिंग की तरह उनकी व्हीलचेयर भी स्मार्ट थी, बिना बोले सब कुछ बता देती थी
आज मशहूर भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया है। स्टीफन का चेहरा सामने आते ही एक खास तरह की व्हीलचेयर पर हमेशा बैठे रहने वाले वैज्ञानिक की याद आ जाती है, जिसे आइंस्टीन के बाद सबसे महान वैज्ञानिक माना जाता है। दुनिया में जितना मशहूर स्टीफन हुए है, उतनी ही मशहूर उनकी यह व्हील चेयर भी हुई है। हॉकिंग के लिए तो यह व्हीलचेयर ही उनका घर था, जिस पर वह 24 घंटे बैठे रहते थे। 1963 में मात्र 21 साल की उम्र में हॉकिंग को एक गंभीर बीमारी हो गई थी, जिसकी वजह से वो चलने फिरने और बोलने में भी असमर्थ हो गए थे।
बस तब से लेकर अब तक स्टीफन ने अपने जीवन के 55 साल इसी व्हीलचेयर गुज़ार दिए। आइए आज हम आपको इस खास कुर्सी के बारे में बताते हैं। स्टीफन हाकिंग की व्हील चेयर कोई सामान्य व्हीलचेयर नहीं है। इसमें ऐसे विशेष उपकरण लगे हुए हैं, जिनके ज़रिए स्टीफन विज्ञान के अनसुलझे रहस्यों के बारे में दुनिया को बता पाते थे। उनकी व्हील चेयर के साथ हमेशा ही एक विशेष कम्प्यूटर और स्पीच सिंथेसाइजर उपकरण लगा रहता था। इसी के सहारे हॉकिंग पूरी दुनिया को अपने मन की बातें बताते थे। यह व्हील चेयर बिना बोले ही हॉकिंग के मन की बात समझ लेती थी, और दुनिया को बता देती थी।
हॉकिंग की इस विशेष कुर्सी पर इंफ्रारेड ब्लिंक स्विच लगा हुआ है, जो उनके चश्मे से जुड़ा हुआ था। हॉकिंग जब अपने जबड़े और आंखों से इशारा करते थे तब यह मशीन उनकी बातें पढ़कर डिस्प्ले बोर्ड पर लिख देती थी। इसके अलावा उनके घर और ऑफिस के दरवाजे पर भी रेडियो ट्रांसमिशन सिस्टम लगा हुआ था। इसी के द्वारा उनकी बातें हमें पता चल पाती थीं। हॉकिंग का जज़्बा वाकई में काबिले तारीफ है कि उन्होंने 55 साल तक अपनी व्हील चेयर पर बैठे-बैठे ब्रह्मांड की पहेलियों और रहस्यों को सुलझा लिया था।
इस व्हीलचेयर पर एक विंडो टैबलेट पीसी लगा हुआ है। यह एक सिंगल स्विच से चलता है। यह टैबलेट एक विशेष इंटरफेस तकनीक का प्रयोग करता है, जिसे ई-जे की कहा जाता है। यह ऑन स्क्रीन की बोर्ड पर हर अक्षर को स्केन करता है। हॉकिंग जैसे ही अपने जबडे हिलाते थे, ई-जे के सेंसर को इस गतिविधि का पता चल जाता था। वह कम्प्ूयटर स्कैनर को रोकता और नया अक्षर चुन लेता था। इसी तकनीक के द्वारा वह अपने ई-मेल पढ़ते थे, साथ ही गूगल सर्च करते थे। इतनी ही नहीं स्टीफन कुर्सी पर बैठे हुए स्काइप पर कॉल भी करते थे। चिप बनाने वाली मशहूर कंपनी इंटेल ने उनके लिए यह खास व्हीलचेयर और कम्प्यूटर तैयार किया था।