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दीपावली की रात घर के ​आस पास भी प्रकाश फैलाएं…

वेदों की प्रतिध्वनि में भी अंधकार से प्रकाश की ओर चलने की बात कही गई है। क्यों कि प्रकाश यानि ज्ञान ही जीवन का शाश्वत मूल्य है। जीवन में खुशियां, आनंद, प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले हमें खुद को प्रकाशित करते हुए आसपास को भी प्रकाशित करने की कोशिश करनी चाहिए तभी हम
दीपावली की रात घर के ​आस पास भी प्रकाश फैलाएं…

वेदों की प्रतिध्वनि में भी अंधकार से प्रकाश की ओर चलने की बात कही गई है। क्यों कि प्रकाश यानि ज्ञान ही जीवन का शाश्वत मूल्य है। जीवन में खुशियां, आनंद, प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सबसे पहले हमें खुद को प्रकाशित करते हुए आसपास को भी प्रकाशित करने की कोशिश करनी चाहिए तभी हम वास्तव में स्वयं को आलोकित कर पाएंगे।

केवल घर के भीतर प्रकाश करना उतना महत्व नहीं रखता जितना कि आसपास को आलोकित करते रहना है। यदि हमारे आस पास प्रकाश होगा तो हमें भी प्रकाश अवश्य ही मिल जाएगा। आपको इस बात का अहसास होगा कि चांदनी रात के अलावा अंधरी रातों में भी तारों का प्रकाश हमें कितना सुकून देता है। कभी अंधेरे में खड़े होकर आस पास की रोशनी को महसूस करने की कोशिश कीजिए, यह रोशनी हमें कितना आनंद प्रदान करती है।

आपको जानकारी के लिए बतादें कि प्रकाश का तात्पर्य केवल रोशनी से नहीं है बल्कि आनंद, खुशी, समृद्धि, ज्ञान आदि से है। ऐसे में यदि हमारे पड़ोसी सुखी—समृ​द्ध और शिक्षित रहेंगे तो हमे इसका लाभ जरूर मिलेगा।
अगर आपके रिश्तेदार अच्छी हैसियत वाले हैं तो इस संसार में आप जैसा सुखी कोई नहीं है क्यों कि ये लोग आपके खुशी में शरीक भले ना हों पर कम से कम आपको कोई कष्ट तो नहीं देंगे।

ईष्या हमें कभी और किसी से नहीं करनी चाहिए। क्यों कि ईर्ष्या हमारे उन्नति के द्वार को एक दम से बंद कर देती है। जाहिर सी बात है यदि हमारा समाज सुखी—समृद्ध होगा तभी हम लोग भी लाभान्वित हो सकेंगे।

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