जयपुर, होमोसेक्सुअल होना बेहद निजी मामला माना जाता है। दुनिया भर के कई देशों में इनके अधिकारों के लेकर संघर्ष चल रहे हैं। हमारे देश में हाल ही में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब हमें रूढ़िवादी धारणाओं को अलविदा कहना होगा। हम सब सुनते है समलैंगिकता अपराध की श्रेणी से बाहर हो गया है, लेकिन क्या आपको पता है की क्य होता है। आखिर इसे अपराध क्यों माना जाता है? या एलजीबीट के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है? आज आपको इससे जुड़ी कुछ बातो के बारे मे बता रहे है।
क्या है होमोसेक्सुअल या समलैंगिकता? – जब पुरूष को पुरूष की तरफ और महिला का महिला की तरफ झुकाव हो तो उसे होमोसेक्सुअल कहा जाता हैं। इस स्थिति में लोग सेम सेक्स की तरफ आकर्षित होते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो महिलाओं और पुरूषों दोनों की तरफ आकर्षित होते हैं उनको हेक्ट्रोसेक्सुअल कहा जाता है। आपको बता दे कि यह एक तरह की बीमारी होती है। जिनके कुछ तथ्यों के बारे में हम आपको बताते है।
इस तरह लगाए गे के लक्षणों का पता – क्या आप वाकई गे हैं यह पता लगाने के लिए अपनी सेक्सुअलेटी को परखें। अपने आकर्षणों की पहचान करने की कोशिश करे। अगर आपका दिल किसी परूष के प्रति जाता है तो यह एक गै का लक्षण हो सकता है। यह अवलोकन एक निजी मामला है। इसके बारे मे किसी से राय नहीं लेकर खुद ही अवलोकन करे। अगर आपको फिर भी समस्या होती है तो किसी विशेषज्ञ की राय जरूर ले। वहीं अगर आपका ध्यना अपोजिट जेंडर की तरफ ज्यादा जाता है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
एलजीबीटी है रोगो का निमत्रण – हमारा यह छोटा सा कदम एलजीबीटी वर्ग के लोगों को भयंकर मानसिक बीमारियों से बचा सकता है। क्योंकि इन लोगों को समाज की बुरी नजरों का सामना करना पड़ता है। जो कभी कभी बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है। एलजीबीटी समदाये के बुजुर्ग इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रताड़ना के चलते एलजीबीटी युवाओं में बेघर होने के साथ ही अनेक तरह के नशे के आदी भी हो जाते है। साथ ही इनमें कई तरह की अन्य बीमारिया भी हो जाती है।
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