हिंदू धर्म में कुंभ मेले को बहुत ही खास माना जाता हैं कुंभ का मेला दुनिया भर का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम हैं। भारत में हर 12वें साल हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में इसका आयोजन किया जाता हैं कुंभ मेले के इतिहास में पहली यह ये हरिद्वार में 12 साल की बजाए 11वें साल में आयोजित होगा। 2022 में लगने वाला कुंभ मेला इस साल हरिद्वार में होने जा रहा हैं क्योंकि ग्रह गोचर चल रहे हैं तो आज हम आपको इस वजह विस्तार से बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ज्योतिष अनुसार अमृत योग का निर्माण काल गणना के मुताबिक होता हैं जब कुंभ राशि का गुरु आर्य के सूर्य में परिवर्तित होता हैं यानी गुरु, कुंभ राशि में नहीं होंगे। इसलिए इस बार 11वें साल में कुंभ का आयोजन हो रहा हैं 83 सालों की अवधि के बाद इस साल यह अवसर आ रहा हैं इससे पहले, इस तरह की घटना साल 1760, 1885 और 1938 में हुई थी। इस वर्ष कुंभ मेले की शुरुआत 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति से हो रही हैं कुंभ मेला हिंदुओं के सबसे शुभ और सबसे बड़े अनुष्ठानों में से एक माना जा रहा हैं पौराणिक कथा के मुताबिक इस तरह की परंपरा समुंद्र मंथन के बाद से शुरू हुई जब अमृत की बूंदें। मृदुलोक सहित 12 जगहों में बिखरी हुई थी।
इस अमृत कलश के लिए भगवान और दानवों के बीच रस्साकशी भी हुई थी। इस साल यह भव्य आयोजन 14 जनवरी से आरंभ होने जा रहा हैं और अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा। वही पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए इस साल भी लाखों भक्त एकत्रित रहेंगे।