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लंबी आयु के लिए भीष्म पितामह की ये बाते याद रखें

भीष्म पितामह ने श्लोक के जरिए बताया हैं कि पुण्य का संचय करना जरूरी होता हैं मगर जो व्यक्ति जीवित रहता है वही पुण्य का संचय करता हैं इससे आय में बढ़ोत्तरी होती हैं इसलिए कभी भी जीवन का परित्याग नहीं करना चाहिए उन्होंने बताया हैं, कि जीवन से निराश नहीं होना चाहिए और आत्महत्या का विचार कभी भी मन में नहीं लगाना चाहिए। भीष्म पितामह ने श्लोक के द्वारा बताया हैं कि जीवन को टिकाये रखने के लिए जो कुछ भी करना पड़े वह करना चाहिए मरने से ज्यादा बेहतर जीना होता हैं इसलिए जीने के लिए जो भी करना पड़े वह करना ही चाहिए।
लंबी आयु के लिए भीष्म पितामह की ये बाते याद रखें

हर व्यक्ति स्वस्थ्य जीवन और लंबी आयु की कामना करता हैं मगर आज के दौर में लोग जिस जीवनशैली को अपरा रहे हैं, उससे जिंदगी छोटी होने लगी हैं अच्छे स्वास्थ्य वाले लोग भी मौत के मुंह में समा रहे हैं वही ऐसे में अगर आप लंबी आयु चाहते हैं तो आपको भीष्म पितामह के बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए। वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं इच्छा मृत्यु के वरदान के साथ साथ सदियों तक जीवित रहने वाले भीष्म पितामह के जीवन संबंधी विचार और लंबी आयु प्राप्ति के तरीके, तो आइए जानते हैं।लंबी आयु के लिए भीष्म पितामह की ये बाते याद रखें

एता बुद्धिं समांस्थय जीवितत्यं सदा भवेत् ।
जीवन् पुण्यमवाप्नोति पुरुषो भद्रमश्नुते।।

आपको बता दें कि भीष्म पितामह ने श्लोक के जरिए बताया हैं कि पुण्य का संचय करना जरूरी होता हैं मगर जो व्यक्ति जीवित रहता है वही पुण्य का संचय करता हैं इससे आय में बढ़ोत्तरी होती हैं इसलिए कभी भी जीवन का परित्याग नहीं करना चाहिए उन्होंने बताया हैं, कि जीवन से निराश नहीं होना चाहिए और आत्महत्या का विचार कभी भी मन में नहीं लगाना चाहिए।लंबी आयु के लिए भीष्म पितामह की ये बाते याद रखें

यथा यथैव जीवेद्धि तत्कर्तव्यमहेलया।
जीवितं मरणाच्छ्रेयो जीवन्धर्ममवाप्नुयात्।।

भीष्म पितामह ने श्लोक के द्वारा बताया हैं कि जीवन को टिकाये रखने के लिए जो कुछ भी करना पड़े वह करना चाहिए मरने से ज्यादा बेहतर जीना होता हैं इसलिए जीने के लिए जो भी करना पड़े वह करना ही चाहिए। अगर लंबा जीना चाहते हैं तो खराब से खराब हालात में भी जीने की आस ना छोड़ें।लंबी आयु के लिए भीष्म पितामह की ये बाते याद रखें

आचाराल्लभते ह्यायुराचाराल्लभते श्रियम्।
आचारात्कीर्तिमाप्नोति पुरुष: प्रेत्य चेह च।।

वही उक्त श्लोक से भीष्म पितामह ने बताया कि आचार से मनुष्य को लंबी आयु प्राप्त होती हैं इससे ही मनुष्य को धन प्राप्ति होती हैं।

भीष्म पितामह ने श्लोक के जरिए बताया हैं कि पुण्य का संचय करना जरूरी होता हैं मगर जो व्यक्ति जीवित रहता है वही पुण्य का संचय करता हैं इससे आय में बढ़ोत्तरी होती हैं इसलिए कभी भी जीवन का परित्याग नहीं करना चाहिए उन्होंने बताया हैं, कि जीवन से निराश नहीं होना चाहिए और आत्महत्या का विचार कभी भी मन में नहीं लगाना चाहिए। भीष्म पितामह ने श्लोक के द्वारा बताया हैं कि जीवन को टिकाये रखने के लिए जो कुछ भी करना पड़े वह करना चाहिए मरने से ज्यादा बेहतर जीना होता हैं इसलिए जीने के लिए जो भी करना पड़े वह करना ही चाहिए। लंबी आयु के लिए भीष्म पितामह की ये बाते याद रखें

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