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क्यों दक्षिण दिशा में रखा जाता है मृत व्यक्ति का सिर, जानिए

हिन्दू धर्म शास्त्रों में जन्म और मृत्यु आदि से जुड़े कई सारे संस्कारों के बारे में बताया गया हैं। व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु के बीच तक के सफर में उसे कई संस्कार से गुजरना पड़ता हैं। वही व्यक्ति को जीवित रहते तो संस्कार को करना ही पड़ता हैं। लेकिन इस धर्म में
क्यों दक्षिण दिशा में रखा जाता है मृत व्यक्ति का सिर, जानिए

हिन्दू धर्म शास्त्रों में जन्म और मृत्यु आदि से जुड़े कई सारे संस्कारों के बारे में बताया गया हैं। व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु के बीच तक के सफर में उसे कई संस्कार से गुजरना पड़ता हैं। वही व्यक्ति को जीवित रहते तो संस्कार को करना ही पड़ता हैं। लेकिन इस धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी कई संस्कार अ​हमियत रखते हैं। आपको बता दें, कि इन्ही परम्पराओं और संस्कारों में से एक संस्कार हैं, कि मौत के बाद मृतक व्यक्ति का सिर हमेशा दक्षिण दिशा में रखा जाता हैं। मगर क्या आप जानते हैं,कि आखिर क्यों मृत व्यक्ति का सिर इसी दिशा में रखते हैं। तो हम आपको बताएंगे कि क्यों मृत व्यक्ति का सिर दक्षिण दिशा में रखा जाता हैं। क्यों दक्षिण दिशा में रखा जाता है मृत व्यक्ति का सिर, जानिएयह माना जाता हैं,कि जिस प्रकार लोग अपने कपड़े बदलते हैं,उसी प्रकार ही आत्मा शरीर बदलती हैं। शरीर तो नष्ट हो जाता हैं। मगर आत्मा कभी नष्ट नहीं होती हैं। वही व्यक्ति के शरीर का अंत उसकी मृत्यु के साथ ही हो जाता हैं। वही शास्त्रों के मुताबिक मृत व्यक्ति का सिर दक्षिण दिशा में इसलिए रखते हैं,क्योंकि उसके प्राणों का त्याग दसवें द्वार से हो,और उसके प्राण सरलता के साथ निकल सकते हैं। क्यों दक्षिण दिशा में रखा जाता है मृत व्यक्ति का सिर, जानिए

ऐसा माना जाता हैं,कि मरने के बाद भी कुछ वक्त तक प्राण व्यक्ति के मस्तिष्क में रहते हैं। वही इसलिए उत्तर दिशा में सिर रखने से ध्रुवाकर्षण के कारण प्राध शीघ्र ही निकल जाते हैं। इसी वजह से मृतक का सिर हमेशा ही दक्षिण दिशा की ओर रखा जाता हैं।क्यों दक्षिण दिशा में रखा जाता है मृत व्यक्ति का सिर, जानिए

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