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जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम

मौसम बदलते ही बीमारियां पैर पसारने लगती हैं जिसमे से कुछ आम बीमारियां हैं जैसे सर्दी, ज़ुकाम और बुखार पर इन आम बीमारियों से पनपती है कुछ ऐसी खतरनाक बीमारियां जिन्हे शुरूआती दौर में अगर हम नज़रअंदाज़ ना करें तो इससे रोकथाम करी जा सकती है पर अगर इन्ही लक्षणों को हम शुरूआती दौर में
जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम

मौसम बदलते ही बीमारियां पैर पसारने लगती हैं जिसमे से कुछ आम बीमारियां हैं जैसे सर्दी, ज़ुकाम और बुखार पर इन आम बीमारियों से पनपती है कुछ ऐसी खतरनाक बीमारियां जिन्हे शुरूआती दौर में अगर हम नज़रअंदाज़ ना करें तो इससे रोकथाम करी जा सकती है पर अगर इन्ही लक्षणों को हम शुरूआती दौर में नज़रअंदाज़ करें तो इसके बुरे परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं| जैसा की हम जानते हैं की चिकेनपॉक्स की शुरुआत बुखार से ही होती है पर मौसम बदलने के दौरान हम इसे मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारी के कारण इसके बारे में ज़्यादा सावधानी नहीं बरतते और फिर धीरे धीरे ये छोटा सा बुखार चिकेनपॉक्स जैसी बीमारी का रूप ले लेता है| आइये जानते हैं क्या कारण है इस बीमारी के  और कैसे कर सकते हैं हम इसकी रोकथाम|जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम

किन कारणों से होता है चिकेनपॉक्स: चिकेनपॉक्स सबसे ज़्यादा छोटे बच्चों को होने वाली बीमारी है| ये आमतौर पर 1 से लेकर 10 साल तक के बच्चों में अधिक देखी जाती है| ये बीमारी सबसे ज़्यादा बच्चों में इसलिए भी होती है क्यूंकि बच्चे ही सबसे ज़्यादा उलटे पुल्टे खाद्य पदार्थों और बाहर की खुली वस्तुओं का सेवन करते हैं| चिकेनपॉक्स की बीमारी सबसे ज़्यादा बाहरी खान पान के सामानों में मौजूद बैक्टीरिया से होती है|जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम

अधिक ठंडी या अधिक गर्मी के कारण भी चिकेनपॉक्स होने का खतरा बढ़ जाता है| गर्मी के दिनों में बच्चो को ज़्यादा देर तक नहाने में काफी मज़ा आता है पर बहुत अधिक नहाना या ज़्यादा देर तक पानी में रहना चिकेनपॉक्स जैसी बीमारी को दावत देता है| इसका मुख्य कारण हवा में मौजूब बेरिसोला वायरस है|जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम

इन लक्षणों को ना करें अनदेखा: चिकेनपॉक्स की शुरुआत तेज़ बुखार से होती है जो लगभग दो दिनों तक रहता है और बुखार के साथ ही शरीर पर कुछ दाने भी आने लगते हैं| शुरुआत में शरीर पर छोटे लाल दानें निकलने लगते हैं जो धीरे धीरे बड़े हो जाते हैं और बाद में फफोलों के रूप में बदल जाते हैं| इन दानो के कारण शरीर में तेज़ खुजली होती है| इन दानों से सफ़ेद मवाद निकलता है और ठीक होते वक़्त धीरे धीरे ये दाने सूखने लगते हैं| चिकेनपॉक्स के दाने आमतौर पर सबसे ज़्यादा चेहरे, पेट, पीठ और रीढ़ की हड्डी के पास निकलते हैं|जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम

ऐसे रखें ख़याल: चिकेनपॉक्स से रोकथाम के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि आप बाहर के खाने पीने की वस्तुओं से ज़रूर दूर रहें और घर में रखी खाने पीने की वस्तुओं को खुला ना छोड़ें| इस बीमारी के लक्षण दिखते ही जल्द से जल्द बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएँ और डॉक्टर की सलाह लेकर इसके इलाज के लिए बाजार में मौजूद वैक्सीन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं| चिकेनपॉक्स संक्रमण से सबसे ज़्यादा फैलता है इसलिए अगर आपके बच्चे को चिकेनपॉक्स है तो उसे दूसरे बच्चों और लोगों से दूर रखें जिससे बाकी लोगों में इस बीमारी का संक्रमण ना फैले|

 

जाने कैसे और क्यों होता है चिकेनपॉक्स, कैसे करें इसकी रोकथाम
वैसे तो चिकेनपॉक्स अब लगभग एक हफ्ते में ठीक हो जाता है पर इस बीमारी से बच्चे का या उस व्यक्ति का शरीर बहुत कमज़ोर हो जाता है तो अपने बच्चे को ऐसी चीज़ों का सेवन कराएं जिससे उसे सभी प्रकार के पोषक तत्त्व मिले और वो अपना स्टैमिना दोबारा से बना सके| 

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