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जाने कौन सा है वो कैंसर जिसने ली गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की जान

हाल ही में गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की पैंक्रियाज के कैंसर से निधन हो गया| साल 2018 में मनोहर पर्रिकर को पेट में दर्द की शिकायत के बाद चेकअप कराने से पैंक्रियाटिक कैंसर की पुष्टि की गयी थी| मनोहर पर्रिकर लगभग एक साल तक पैंक्रियाटिक कैंसर से लड़ते रहे और 17 मार्च को
जाने कौन सा है वो कैंसर जिसने ली गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की जान

हाल ही में गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की पैंक्रियाज के कैंसर से निधन हो गया| साल 2018 में मनोहर पर्रिकर को पेट में दर्द की शिकायत के बाद चेकअप कराने से पैंक्रियाटिक कैंसर की पुष्टि की गयी थी| मनोहर पर्रिकर लगभग एक साल तक पैंक्रियाटिक कैंसर से लड़ते रहे और 17 मार्च को उनका निधन हो गया| आइये जानते हैं क्या है यह पैंक्रियाटिक कैंसर|जाने कौन सा है वो कैंसर जिसने ली गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की जान

पैंक्रियाटिक कैंसर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से अग्नाशय में होने वाला कैंसर है जो हमारे पूरे शरीर को बिलकुल कमज़ोर बना देता है| पैंक्रियाटिक कैंसर एक बहुत ही घातक बीमारी है| पैंक्रियात हमारे द्वारा खाये हुए भोजन को ऊर्जा में बदल कर हमारे शरीर को ऊर्जा देता है और शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्त्व प्रदान करता है| पैंक्रियाटिक कैंसर होने पर अग्नाशय काम करना बंद कर देता है जिसके कारण हमारे शरीर को ऊर्जा नहीं मिल पाती और न ही ज़रूरी पोषक तत्त्व मिल पते हैं| भोजन को ऊर्जा में बदलने के आलावा पैंक्रियाज हमारे शरीर के कई तरह के हार्मोन्स के लिए भी ज़िम्मेदार होता है|जाने कौन सा है वो कैंसर जिसने ली गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की जान

लक्षण: पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण बहुत ही सामान्य होते हैं जिन्हे शुरूआती दौर में पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है| शुरुआत में इसमें आमतौर पर पेट में दर्द और ऐसिडिटी जैसी समस्याएं होती हैं जिन्हे हम आम समझ कर नज़रअंदाज़ कर देते हैं| पैंक्रियाज हमारे शरीर के बहुत ही अंदरूनी भाग में स्थित होता है इसीलिए आमतौर पर इसमें होने वाले सूजन या गांठ को बिना चेक कराये पता लगा पाना मुश्किल होता है| इन्ही आम लक्षणों के कारण ज़्यादातर केसेस में पैंक्रियाटिक कैंसर की पुष्टि आखिरी स्टेजों में ही हो पाती है और उसके बाद इसका पूरी तरह से इलाज करा पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है| पैंक्रियाटिक कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों में उल्टी आना, कमज़ोरी आना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना या ऐसिडिटी और कब्ज़ की समस्याएं शामिल हैं|जाने कौन सा है वो कैंसर जिसने ली गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की जान

कारण: वैसे तो पैंक्रियाटिक कैंसर के कई कारण होते हैं पर इसके मुख्य कारणों में से एक है सिगरेट या शराब का बहुत अधिक सेवन करना इसके साथ ही खराब खानपान और खराब जीवनशैली के कारण भी इस कैंसर के होने के खतरे बढ़ जाते हैं| बहुत अधिक फैट वाले खाने या फिर जंक फ़ूड खाने से भी पैंक्रियाटिक कैंसर होता है और सोडा ड्रिंक्स या कोल्ड्रिंक्स के अधिक सेवन से भी पैंक्रियाटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है|जाने कौन सा है वो कैंसर जिसने ली गोवा के सी एम मनोहर पर्रिकर की जान

पैंक्रियाटिक कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है क्यूंकि यह हमारे शरीर के उस भाग में होती है जो पूरे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और क्यूंकि इसके आम लक्षणों के कारण इसकी पुष्टि होने तक ये हमारे आधे से ज़्यादा शरीर को खराब कर चूका होता है| पैंक्रियाटिक कैंसर से बचाव के लिए यही उपाय किया जा सकते हैं की हम इन सभी खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक ना करें और किसी भी पेट सम्बन्धी समस्या को अधिक दिनों तक आम समझ कर ना टालें| शायद सही वक़्त पर इस बीमारी के बारे में पता लगने पर हम इस कैंसर का सही तरीके से इलाज करवा सकें|

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