जानिये क्यों भगवान गणेश जी के पीठ के दर्शन नहीं किये जाते
जयपुर। आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है, इस तिथि पर भगवान गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है व उनके निमित्त उपाय किये जाते हैं। इसके साथ ही गणेश पूजा में भगवान के 12 नाम मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे इनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। गणेश जी के मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए साथ ही पूजा करते समय गणेशजी की पीठ के दर्शन भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
आज हम इस लेख में आपको बता रहें हैं कि भगवान गणेश जी के पीठ के दर्शन क्यों नहीं करने चाहिए, इनकी पीठ के दर्शन करने से अशुभ फल मिलता है। ऐसा क्यों कहा जाता है उस कारण को बता रहें हैं।
- गणेशजी को रिद्धि-सिद्धि के दाता कहा जाता हैं, लेकिन इनके पीठ के दर्शन करने को अशुभ माना जाता है। शास्त्रों में माना गया है कि गणेशजी के शरीर में जीवन और ब्रह्मांड से जुड़े सभी अंग निवास करते हैं। इसके साथ ही गणेशजी की सूंड पर धर्म विद्यमान है, कानों पर ऋचाएं, दाएं हाथ में वर, बाएं हाथ में अन्न, पेट में समृद्धि, नाभी में ब्रह्मांड, आंखों में लक्ष्य, पैरों में सातों लोक और मस्तक पर ब्रह्मलोक विराजित है।
- ऐसे में गणेशजी के दर्शन सामने से करने से सभी सुखों की प्राप्ति जीवन में होती हैं। तो दूसरी ओर गणेशजी के पीठ में अलक्ष्मी यानी दरिद्रता निवास करती है, इस लिए इनकी पीठ के दर्शन करने से गरीबी का सामना जीवन में करना पड़ता है। इसलिए गणेश जी के पीठ के दर्शन करने से बचना चाहिए।