जानिए हाइड्रोजन की कुछ अनसुनी बातें, इतनी खतरनाक होती है ये

जयपुर। हाइड्रोजन की खोज 1766 में हेनरी केवेण्डिस ने की थी। इन्होंने इस लोहा पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से प्राप्त किया था। 1883 में लैवाशिए ने इसका नाम हाइड्रोजन इसलिए रखा क्योंकि ये आॅक्सीजन के साथ मिलकर पानी का निर्माण करती है।
वैज्ञानिक बताते है कि हाइड्रोजन एक रसायनिक तत्व है ये आवृत सारणी का पहला तत्व है, जो सबसे हल्का है। बहुत ज्यादा हल्की होने के कारण हाइड्रोजन पृथ्वी के वायुमण्डल के ऊपरी हिस्से में पाया जाता है। वैज्ञानिक इस तत्व के बारे में बताते है कि ये तत्व पृथ्वी पर ही नहीं पूरे ब्रह्माण्ड में प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैै।
यहां तक की तारों और सूर्य का द्रव्यमान भी हाइड्रोजन से ही बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोटोन और एक इलेक्ट्रोन हाने के साथ ही सबसे सरल परमाणु भी कहलाता है। अगर मानव शरीर में हाइड्रोजन की बात की जाये तो इसका हिस्सा हमारे शरीर में 10 प्रतिशत होता है।
हाइड्रोजन आग के संपर्क में आने से बहुत ही तेजी से जलने लगती है। इसलिए इसे कभी भी सूंघने की कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से सांस की प्रणाली में खराबी होने की संभावना होती हैं।सामान्य हाइड्रोजन में 0.002 प्रतिशत एक दूसरा हाइड्रोजन होता है जिसको भारी हाइड्रोजन की संज्ञा दी गई है।
यह सामान्य परमाणु हाइड्रोजन से दुगुना भारी होता है। यही नहीं वैज्ञानिक इसके बारे में बताते है कि इसका हाइड्रोजन का बना हुआ बम परमाणु बम से भी कई गुना खतरनाक होता है। हाइड्रोजन बम की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते साल अगस्त में उत्तर कोरिया के इस बम का परीक्षण करने के बाद पूरा महाद्वीप भूकंप के झटकों से थर्राता रहा था।