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जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...

वैशाख मास की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी तीन अहम बातें के लिए भी जाना जाता हैं , पहला बुद्ध जी का जन्म, दूसरा बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति, तीसरा बुद्ध का निर्वाण के कारण भी यह तिथि बहुत ही विशेष मानी जाती हैं गौतम बुद्ध जी ने मनुष्य को चार सूत्र दिए हैं पहला दुख हैं, दूसरा दुख का कारण, तीसरा दुख का निदान और चौथा मार्ग वह हैं, जिससे दुख का निवारण होता हैं। वही भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम होता हैं
जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...

हिंदू धर्म में वैशाख के महीने को बहुत ही पवित्र और खास माना जाता हें वही वैशाख शुक्ल पूर्णिम को बुद्ध पूर्णिम या फिर पीपल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं। वही इसी दिन भगवान बुद्ध की जयंती और निर्वाण दिवस भी मनाया जाता हैं। वही हिंदू धर्म में महात्मा बुद्ध को भगवान श्री हरि विष्णु जी का नौवां अवतार माना गया हैं। यह दिन इस लिए भी बहुत ही खास माना जाता हैं।जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...

जानिए सुखी जीवन के वो चार सूत्र—
आपको बता दें, कि वैशाख मास की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी तीन अहम बातें के लिए भी जाना जाता हैं , पहला बुद्ध जी का जन्म, दूसरा बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति, तीसरा बुद्ध का निर्वाण के कारण भी यह तिथि बहुत ही विशेष मानी जाती हैं जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...वही गौतम बुद्ध जी ने मनुष्य को चार सूत्र दिए हैं जिसे अपनाकर वह अपने जीवन में सुखी रह सकता हैं। उन्हें चार आर्य सत्य के नाम से जाना जाता हैं पहला दुख हैं, दूसरा दुख का कारण, तीसरा दुख का निदान और चौथा मार्ग वह हैं, जिससे दुख का निवारण होता हैं। वही भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम होता हैं, जो दुख के निदान का मार्ग बताता हैं। उनका यह अष्टांगिक मार्ग ज्ञान, संकल्प, वचन, कर्म, आजीव, व्यायाम,स्मृति और समाधि के सन्दर्भ में सम्यकता से साक्षात्कार कराता हैं।जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...

वही गौतम बुद्ध जी ने मनुष्य के बहुत से दुखों का कारण उसके स्वयं का अज्ञान और​ मिथ्या दृष्टि को बताया हैं। वही महात्मा बुद्ध ने पहली बार सारनाथ में प्रवचन दिया था।जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...

वैशाख मास की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी तीन अहम बातें के लिए भी जाना जाता हैं , पहला बुद्ध जी का जन्म, दूसरा बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति, तीसरा बुद्ध का निर्वाण के कारण भी यह तिथि बहुत ही विशेष मानी जाती हैं गौतम बुद्ध जी ने मनुष्य को चार सूत्र दिए हैं पहला दुख हैं, दूसरा दुख का कारण, तीसरा दुख का निदान और चौथा मार्ग वह हैं, जिससे दुख का निवारण होता हैं। वही भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम होता हैं जानिए सुखी जीवन जीने के वो चार सूत्र...

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