Samachar Nama
×

केवल पांच मिनट में करें पंचदेवों की आराधना और पाएं आजीवन सुख समृद्धि का आशीर्वाद

आपको बता दें,कि हिंदू धर्म की परंपरा में वैसे तो सभी देवी देवता विशेष महत्व रखते हैं और इनकी पूजा अर्चना से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती हैं। मगर सनातन परंपरा में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश, देवी मां दुर्गा, देवाधिदेव भगवान शिव और भगवान श्री हरि विष्णु पंचदेव कहलाते हैं।
केवल पांच मिनट में करें पंचदेवों की आराधना और पाएं आजीवन सुख समृद्धि का आशीर्वाद

आपको बता दें,कि हिंदू धर्म की परंपरा में वैसे तो सभी देवी देवता विशेष महत्व रखते हैं और इनकी पूजा अर्चना से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती हैं। मगर सनातन परंपरा में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश, देवी मां दुर्गा, देवाधिदेव भगवान शिव और भगवान श्री हरि विष्णु पंचदेव कहलाते हैं। वही इस धर्म में आस्था रखने वाले मनुष्यों को इन सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना करना अनिवार्य माना जाता हैं।केवल पांच मिनट में करें पंचदेवों की आराधना और पाएं आजीवन सुख समृद्धि का आशीर्वाद

वही यह भी माना जाता हैं कि रोजाना पंचदेव की आराधना करने और इनका पंचदेव का ध्यान मंत्र जाप करने से इनकी कृपा व्यक्ति पर हमेशा ही बनी रहती हैं। वही घर परिवार में सुख समृद्धि का वास बना रहता हैं। वही अगर आप वक्त के अभाव में इन पंचदेवों की पूजा अर्चना और आराधना पूरे विधि​ विधान से नहीं कर पा रहे हैं तो आज हम आपको कुछ विशेष मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका जाप कर आप पंचदेवों को प्रसन्न कर उनकी विशेष कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि वो कौन से मंत्र हैं।केवल पांच मिनट में करें पंचदेवों की आराधना और पाएं आजीवन सुख समृद्धि का आशीर्वाद

आपको बता दें,कि पंचदेवता पंचभूतों के स्वामी कहे जाते हैं। इनमें श्री गणेश जलतत्व के अधिपति हैं इसलिए इनकी सबसे पहले पूजा कि जाती हैं। ​

भगवान श्री गणेश जी का मंत्र—
प्रात: स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम्।
उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड – माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम्।।

भगवान विष्णु जी का मंत्र—
प्रात: स्मरामि भवभीतिमहार्तिनाशं नारायणं गरुडवाहनमब्जनाभम्। महाभिभृतवरवारणमुक्तिहेतुं चक्रायुधं तरुणवारिजपत्रनेत्रम्॥केवल पांच मिनट में करें पंचदेवों की आराधना और पाएं आजीवन सुख समृद्धि का आशीर्वाद

भगवान शिव का मंत्र—
प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।
खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥

देवी दुर्गा का मंत्र—
प्रात: स्मरामि शरदिन्दुकरोज्ज्वलाभां सद्रत्नवन्मकरकुण्डलहारभूषाम् ।
दिव्यायुधोर्जितसुनीलसहस्त्रहस्तां रक्तोत्पलाभचरणां भवतीं परेशाम् ।।केवल पांच मिनट में करें पंचदेवों की आराधना और पाएं आजीवन सुख समृद्धि का आशीर्वाद

सूर्य देव का मंत्र—
प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं, रूपं हि मण्डलमृचोअथ तनुर्यन्जूषि।
सामानि यस्य किरणा: प्रभावादिहेतुं, ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्।।

Share this story