देवी सरस्वती की वन्दना करें इस विधि से
हंस पर विराजमान, वीणावादिनी, शुभ्रवसना, मंद-मंद मुस्कुराती मां सरस्वती की प्रसन्नता से मनुष्य जीवन का अज्ञान दूर होकर ज्ञान का उदय होता है।
प्राचिन समय से भारतीय परम्परा में किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए मां सरस्वती की वन्दना करना शुभ माना जाता हैं। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता हैं, मां सरस्वती को अनके नामों से पुकारा जाता है,जैसे हंशवाहिनी,वीणाधारणी,कमला, आदि नामों से जाना जाता है, बसन्त पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की पूजा बहुत धुम -धाम की से जाती हैं। अगर जिन लोगो को मां सरस्वती की वन्दना,गीत आदि के बारे पता नही होतो वह लोकप्रिय सरस्वती वंदना,गीत आप यहाँ से देख सकते हो ।
मां सरस्वती का मंत्र :-
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।
वन्दे भक्तया वन्दिता च मुनीन्द्रमनुमानवै:।
जिन लोगों को सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सकते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती का सरल मंत्र। इस मंत्र का पाठ नित्य करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है। यह मंत्र देवी सरस्वती का मूल मंत्र है : –
* ‘शारदा शारदाभौम्वदना। वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रिया तू।’
* श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा।
* ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
इन मंत्रो का जप करने से पहले आपको कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना होगा ।
सर्वप्रथम आप स्नान करके मां सरस्वती के मंदिर मे जाकर ध्यान मग्न स्थित में बैठकर इन मंत्रो का जप करने से मां सरस्वती की आप पर कृपा बनी रहेगी,और शिक्षा में वृद्धि होगी ।