सर्दियों में कैसे बचे टॉन्सिल्स के खतरे से जानिए इसके उपाय
जयपुर । सर्दियां शुरू हो गई है ऐसे में बीमारियों की बात लहर का दौड़ना भी बहुत ही स्वाभाविक सी है । सर्दी का मौसम हो और ठंड से जुड़ी बीमारियाँ न हो यह हो ही कैसे सकता है । इतना ही नही सर्दी में जुकाम खांसी बुखार का होना तय होता ही है पर इसके साथ ही टॉन्सिल्स की प्रोब्लम होना भी तय होता है ।
टॉन्सिल्स गले में होने वाला एक प्रकार का इन्फेक्शन है जिस पर यदि ध्यान नही दिया जाये तो यह बड़ी मुसीबत बन सकता है । कई बार तो जरा सी लापरवाही के कारण गले का परेशान तक करवाने की नोबत आ जाती है । ऐसे में इस परेशानी से किस तरह से बचाव किया जाए यह भी बहुत जरूरी हो जाता है । आइये जानते हैं कैसे बचा जाये इस परेशानी से ।
टॉन्सिलाइटिस यानी टॉन्सिल्स में संक्रमण। इसके लिए कई तरह के वायरस जिम्मेदार होते हैं, लेकिन सर्दियों में टॉन्सिल्स पर जो वायरस हमला करता है, वो हैं एडीनो वायरस। इसकी शुरुआत साधारण सर्दी और बुखार से होती है। वहीं स्ट्रेप्टोकोकस पाइजेंस नामक बैक्टिरिया भी इसका कारण होता है। इसी बैक्टिरिया के कारण निमोनिया होता है।
क्या है टॉन्सिल्स के लक्षण ?
गले में खराश और निगलने पर दर्द,टॉन्सिल में सूजन, मवाद की आशंका, बुखार, सिरदर्द, कान और गर्दन में दर्द,लगातार थकान, नींद नहीं आना, लगातार खांसी बने रहना, ठंड लगना, ग्रंथियों में सूजन , पेट में दर्द और उल्टी, जी मिचलाना,आवाज में बदलाव, सांसों की बदबू,मुंह खोलने में कठिनाई ।
कैसे करें इससे बचाव ?
सर्दी के मौसम में गले में इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है। कई बार टॉन्सिलाइटिस को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके संक्रमण को फ़ैलने से रोकने के उपाय जरूर किए जा सकते हैं। हाथों को गर्म पानी और साबुन से साफ करें। पानी उपलब्ध न हो तो हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल किया जा सकता है। ठंडे मौसम में ठंडी चीजों खाने-पीने से बचें। गले में खराश है तो गर्म पानी के गरारे करें। लगाता खाँसी बनी हुई है तो तेल-घी का सेवन कम कर दें। आराम करें। गले के दर्द को कम करने के लिए दवा लें। गले को नम रखने के लिए लगातार पानी पीते रहें। सिगरेट के धुएं और गले में जलन पैदा करने वाली चीज़ों से बचें।