Samachar Nama
×

जानिए कैसे कॉस्मेटिक प्रोडक्टस महासागरों को कर रहे हैं बर्बाद !

हमने काफी समय से यह सुना है कि हमारी कॉस्मेटिक क्रीमों में कई तरह के प्लास्टिक “माइक्रॉबीइड्स” पाए जाते हैं जो कि कचरे के रूप में सागर में जमा हो जाता है। कई देशों ने इस पर बैन लगाने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहे हैं लेकिन इस पर अभी पूरी तरह से
जानिए कैसे कॉस्मेटिक प्रोडक्टस महासागरों को कर रहे हैं बर्बाद !

हमने काफी समय से यह सुना है कि हमारी कॉस्मेटिक क्रीमों में कई तरह के प्लास्टिक “माइक्रॉबीइड्स” पाए जाते हैं जो कि कचरे के रूप में सागर में जमा हो जाता है। कई देशों ने इस पर बैन लगाने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहे हैं लेकिन इस पर अभी पूरी तरह से प्रतिबंध लग नहीं पाया है।

इसी को लेकर ब्रिटेन के कुछ शोधकर्ताओं की टीम ने हाल ही में कहा कि इस तरह के स्टोन टाइप के ये बीइड्स हमारे रोज काम आने वाली चीजों में ही पाई जाती है जिनमें कि हाथ धोने की साबुन, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, सनस्क्रीन और शैम्पू शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये सारे बीइड्स मिलकर समुद्र के अंदर 100,000 से अधिक माइक्रोबीड्स रिलीज करते हैं।

क्योंकि ये प्लास्टिक के पार्टिकल्स भले ही साइज में छोटे होते हैं लेकिन सारे मिलकर नदियों और महासागरों एक विशाल कचरे का ढेर लगा देते हैं। एक अनुमान के मुताबिक बताया गया कि अकेले ब्रिटेन से 80 टन इस तरह के प्लास्टिक कचरे को समुद्र के पानी में पाया जा सकता है। वर्तमान में, ब्रिटेन के बाजार में 80 तरह की चेहरे की स्क्रब पाए जाने की खबर है जिसमें प्लास्टिक की काफी मात्रा में क्वाटिंटी होती है लेकिन कुछ कंपनियों का कहना है कि इनसे कुछ खास नुकसान नहीं होता है।

इस अध्ययन के लिए टीम ने चेहरे के लिए आने वाली कई तरह की स्क्रब में पाए जाने वाले माइक्रोबीड्स की संख्या को मापा। उन्होंने पाया कि  150 मिलीलीटर तक के इन प्रोडक्ट्स में भी 137,000 से लेकर 2.8 मिलियन तक इस तरह के माइक्रोपार्टिकल्स पाए जाते हैं। हाल की कई रिपोर्टों में ये बताया गया है कि इन पार्टिकल्स की वजह से समुद्री जीवन और समुद्री पक्षी बहुत खतरे में जी रहे हैं। और वातावरण में खतरनाक प्लास्टिक की बर्बादी से खुद की प्रजाति के नाश होने की कगार पर हैं।

वैज्ञानिकों ने आगे कहा कि इस तरह के प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों को इस तरह के लाखों माइक्रॉपार्टिकल्स के कारण महासागरों को होने वाले नुकसान के बारे में चिंतित रहना चाहिए।

 

Share this story