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Chhath Puja 2018: चार दिन चलता है छठ पर्व जानते हैं कब और क्यों मनाया जाता है ये उत्सव

जयपुर। छठ पूजा का त्योहार सूर्य देव की आराधना का त्योहार माना जाता है। छठ का त्योहार साल में दो बार, चैत्र शुक्ल षष्ठी और कार्तिक शुक्ल षष्ठी की तिथि में मनाया जाता है। इनमे से कार्तिक मास की छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पूजा का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है।
Chhath Puja 2018: चार दिन चलता है छठ पर्व जानते हैं कब और क्यों मनाया जाता है ये उत्सव

जयपुर। छठ पूजा का त्योहार सूर्य देव की आराधना का त्योहार माना जाता है। छठ का त्योहार साल में दो बार, चैत्र शुक्ल षष्ठी और कार्तिक शुक्ल षष्ठी की तिथि में मनाया जाता है। इनमे से कार्तिक मास की छठ पूजा का विशेष महत्व है। छठ पूजा का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है। आज इस लेख में हम छठ पूजा के कुछ विशेष बातों के बारे में बता रहे हैं।

Chhath Puja 2018: चार दिन चलता है छठ पर्व जानते हैं कब और क्यों मनाया जाता है ये उत्सव

क्यों होती है छठ पूजा

छठ के लिए शास्त्रों में माना जाता है कि छठ पूजा में सूर्य देव की आराधना की जाती है। सूर्य की कृपा से व्यक्ति को स्वास्थ्य और धन धान्य का आशीर्वाद मिलता है। छठ पूजा से संतान सुख की प्राप्ती होती है।

Chhath Puja 2018: चार दिन चलता है छठ पर्व जानते हैं कब और क्यों मनाया जाता है ये उत्सव

षष्ठी व्रत की कथा 

छठ पूजा में छठ माता जिसे भगवान सूर्य की बहन माना जाता है की पूजा की जाती है। इसके साथ ही छठ माता को षष्ठी देवी भी कहा जाता है। ये प्रकृति की मूल प्रवृति के छठवें अंश से उत्पन्न हुई हैं जिसके कारण इनको षष्ठी कहा जाता है।

Chhath Puja 2018: चार दिन चलता है छठ पर्व जानते हैं कब और क्यों मनाया जाता है ये उत्सव

चार दिन की पूजा

  • छठ पूजा का पर्व चार दिनों तक चलता है ये 11 नवंबर से शुरु हो कर 14 नवंबर तक चलेगी।  छठ पूजा में पहले दिन नहाय खाय होता है। इस दिन सुबह स्नान कर नये कपडें पहन कर शाकाहारी भोजन करते हैं।
  • छठ पूजा के दूसरा दिन खरना होता है इसमें पूरे दिन व्रत रख कर शाम को भोजन ग्रहण किया जाता है। इस दिन निर्जल उपवास किया जाता है। शाम के समय गुड़ से बनी चावल की खीर खाई जाती है। इस दिन नमक व चीनी दोनों का प्रयोग वर्जित होता है।
  • छठ पूजा के तीसरे दिन विशेष प्रसाद बनाया जाता है। जिसमें इसके बाद प्रसाद व फल को बांस की टोकरी में सजाया कर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तालाब या नदी के किनारे जाते हैं, यहा पर स्नान कर अस्त होते सूर्य की आराधना की जाती है।
  • छठ पूजा का चौथा दिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य  दिया जाता है। इसके बाद छठ पूजा का पारण किया जाता है।

 

 

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