भगवान शिव के अदभुत चमत्कार के बारें जानें
भगवान शिव को दुनिया के सभी धर्मो का मूल माना जाता हैं, भगवान शिव के जीवन की कहानी दुनिया के हर धर्म और उनके ग्रंथो मे अलग-अलग रुपों में देखने को मिलती है, पुराणो के अनुसार जहां पर भगवान शिव विराजमान है उस पर्वत के ठीक नीचें पाताल लोक है
जो भगवान विष्णु का स्थान माना जाता हैं, और शिव के आसन के उपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्गलोक और फिर ब्रह्राजी का स्थान था जबकि धरती पे कुछ भी विराज मान नही था। ब्रह्राजी को सृष्टी का रचनाकार माना जाता है, भगवान बिष्णु को सृष्टी का पालनहार,और भगवान शिव को सृष्टी का काल माना जाता है, इसलिए कहा गया है ‘वामो मार्ग: परमगहनो योगितामप्यगम्य:‘ अर्थात वाम मार्ग अत्यंत गहन है और योगियों अगम्य है।
गायत्री –मंजरी में शिव पार्वती संवाद आता है जिसमें मां पार्वती ने भगवान शिव से पूछती है जिसमें भगवती पूछती है, हे देव आप किस योग की उपासना करते हैं जिससे आपको परम सिद्धि प्राप्त हुई हैं
तब भगवान शिव ने उत्तर दिया गायत्री ही वेदमाता है और पृथ्वी सबसे पहली और सबसे बडी शक्ति है। वह संसार की माता है। गायत्री को भूलोक की कामधेनु हैं। इससे सब कुछ प्राप्त होता है,तथा ज्ञानियों ने योग की सभी क्रियाओं के लिए गायत्री को ही आधार माना हैं।
भगवान शिव की आराधना करने से मनुष्य के सम्पूर्ण पापो का नाश होता है और सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है आप प्रतिदिन भगवान शिव के मंदिर जाकर उनकी पूजा अर्चना करने से सम्पूर्ण सिद्धि प्राप्त होती हैं।