कार्तिक पूर्णिमा विशेष: इस दिन लगाएं गंगा में डुबकी, पाएं पूरे कार्तिक माह का फल
जयपुर। हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व माना जाता है। इस माह में दान, धर्म, जप, तप, दीपदान, व्रत करने से शुभ फल मिलता है। इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा 23 नवंबर के दिन है। वैसे तो कई लोग पूरे कार्तिक माह में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान, पूजा करते हैं, लेकिन कई
जयपुर। हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व माना जाता है। इस माह में दान, धर्म, जप, तप, दीपदान, व्रत करने से शुभ फल मिलता है। इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा 23 नवंबर के दिन है। वैसे तो कई लोग पूरे कार्तिक माह में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान, पूजा करते हैं, लेकिन कई लोग कार्तिक माह में ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान ना कर पाएं उनके लिए एक अत्यंत शुभ दिन निर्धारित हैं। शास्त्रों में माना जाता है कि रोगी, वृद्ध, बालक या किसी आवश्यक कार्य से नगर के बाहर गया व्यक्ति अगर पूरे कार्तिक माह व्रतादि ना कर पाएं तो उसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में डुबकी लगाकर पूरे माह का फल मिल सकता हैं।
- शास्त्रों में कार्तिक माह की पूर्णिमा को बड़ी पूर्णिमा माना जाता है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- कार्तिक पूर्णिमा में कृतिका नक्षत्र में भगवान शिव का विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से धन के साथ साथ व्यक्ति की सात पीढ़ियों तक गरीबी नहीं झेलनी पड़ती।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से सारे सुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि इस दिन अभिषेक करने से वाजपेयी यज्ञ के समान फल मिलता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन अविवाहित युवक-युवतियों को विवाह बाधा का निवारण करने के लिए इस दिन शिव-पार्वती की पूजी करनी चागिए।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से सारे पापों का प्रायश्चित होता है। मोक्ष की प्राप्ति होती है।