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जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को

शास्त्रों में माना जाता है कि ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की अराधना की जाती है, इस माह में इनकी आराधना करने से ये जल्दी प्रसन्न होते हैं व इनकी कृपा जीवन में बनी रहती है। अगर किसी की कुंड़ली में मंगल दोष है या फिर मंगल संबंधित दशा, अन्तर्दशा के चलती जीवन बर्बाद हो रहा है तो ज्येष्ठ के महीने में हनुमान जी के व्रत एवं पूजन करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी को मीठी चीजों का भोग लगाएं। मास, मदिरा से दूर रहें।
जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को

जयपुर। वैशाख माह समाप्त हो रहा है और 22 मई से ज्येष्ठ माह की  शुरूआत हो रही है, ज्येष्ठ का महीना 22 मई से 21 जून तक रहेगा। ज्येष्ठ का महिना भगवान सूर्य को समर्पित है। आज हम इस लेख में ज्येष्ठ माह में आने वाले व्रत और पर्व के बारे मे बता रहें हैं-

जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को

  • अपरा एकादशी – ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है यह 30 मई के दिन मनाई जाएगी इस मौके पर भगवान विष्णु की पूजा एवं व्रत किया जाता है
  • ज्येष्ठ अमावस्या – 3 जून, सोमवार के दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि मनाई जाएगी। इसके साथ ही इस दिन सुहागण स्त्री वट सावित्री का व्रत कर अपने सुहाग के लम्बी उम्र की कामना करती हैं। इसी दिन शनि जयंती का पर्व भी मनाया जाएंगा। देशभर में शनि देव का पूजन एवं व्रत किया जाएगा।

जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को

  • रोहिणी व्रत – जैन समुदाय में प्रति माह रोहिणी व्रत किया जाता है। जैन धर्म में इसका बेहद महत्व है। इस व्रत में कुछ लोग फलाहार का सेवन करते हैं तो कुछ निर्जल उपवास भी करते हैं। ज्येष्ठ मास में रोहिणी व्रत 3 जून को है।
  • गंगा दशहरा – 12 जून के दिन गंगा दशहरा पर्व मनाया जाएगा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग गंगा या फिर किसी भी पवित्र नदी में जाकर स्नान करते हैं।

जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को

  • गायत्री जयंती – 13 जून के दिन गायत्री जयंती है। इसदिन लोग मां गायत्री के नाम का व्रत करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इसी दिन निर्जला एकादशी का व्रत भी किया जाएगा।
  • वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा  – वट पूर्णिमा व वट सावित्री व्रट हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा होती है। इस साल वट पूर्णिमा व्रत 16 जून को है।
जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को
indira-ekadashi worship of lord vishnu
शास्त्रों में माना जाता है कि ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की अराधना की जाती है, इस माह में इनकी आराधना करने से ये जल्दी प्रसन्न होते हैं व इनकी कृपा जीवन में बनी रहती है। अगर किसी की कुंड़ली में मंगल दोष है या फिर मंगल संबंधित दशा, अन्तर्दशा के चलती जीवन बर्बाद हो रहा है तो ज्येष्ठ के महीने में हनुमान जी के व्रत एवं पूजन करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी को मीठी चीजों का भोग लगाएं। मास, मदिरा से दूर रहें। जानें ज्येष्ठ मास में हनुमान आराधना के महत्व को

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