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हनुमान जयंती: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व हनुमान जन्म की पौराणिक कथा

जयपुर। हनुमान जयंती का पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाय़ा जाता है। इसे हनुमान जी के जन्मोत्सव का पर्व माना जाताहै, इस दिन हनुमान जी ने जन्म लिया था। इस साल हनुमान जयंती 19 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी। इस दिन भक्त बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के उपाय करते
हनुमान जयंती: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व हनुमान जन्म की पौराणिक कथा

जयपुर। हनुमान जयंती का पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाय़ा जाता है। इसे हनुमान जी के जन्मोत्सव का पर्व माना जाताहै, इस दिन हनुमान जी ने जन्म लिया था। इस साल हनुमान जयंती 19 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी। इस दिन भक्त बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के उपाय करते हैं व व्रत रखते हैं। जगह जगह पर पूजा अर्चना के साथ भंडारे में किये जाते है। आज हम इस लेख में हनुमान जंयती के शुभ मुहूर्त के बारे मे बात रहें हैं।

हनुमान जयंती: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व हनुमान जन्म की पौराणिक कथा

18 अप्रैल को 19:27:43 बजे से पूर्णिमा तिथि का आरम्भ हो रहा है जो 19 अपैल को 16:43:31 बजे तक रहेगा। आज रात से पूर्णिमा तिथि लग रही है लेकिन पूर्णिमा का व्रत कल किया जाएगा। जिस कारण से हनुमान जयंती कल मनाई जाएगी।

हनुमान जयंती: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व हनुमान जन्म की पौराणिक कथा

हनुमान जयंती के पर्व पर हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए व हनुमान जी का व्रत व उपवास की विधि का विवरण स लेख में कर रहे हैं।

  • हनुमान जयंती पर हनुमान जी का व्रत करने वाले भक्तो को व्रत की पूर्व रात्रि ज़मीन पर सोना चाहिए, व सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ हनुमान जी का स्मरण करें।
  • सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले राम-सीता व हनुमान जी को याद करें, व स्नान ध्यान कर गंगाजल हाथ में लेकर व्रत का संकल्प करें।
  • इसके बाद, घर के मंदिर में पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें और विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें।
  • इसके बाद हनुमान जी का षोडशोपाचार विधि से आराधना करें।

हनुमान जयंती: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व हनुमान जन्म की पौराणिक कथा

हनुमान जन्म की पौराणिक कथा –

अंजना एक अप्सरा थीं, जिन्होंने एक श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लिया था। उस श्राप से मुक्ति तभी मिल सकती थी जब वे एक संतान को जन्म देतीं। वाल्मीकि रामायण के आधार पर केसरी हनुमान जी के पिता थे। वे सुमेरू के राजा थे और केसरी बृहस्पति के पुत्र थे।

देवी अंजना ने संतान प्राप्ति की इच्छा के लिए 12 वर्षों तक भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। हनुमानजी को भगवान शिव का रुद्रावतार माना जाता है।

हनुमान जयंती: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व हनुमान जन्म की पौराणिक कथा

19 अप्रैल को पूरे देश में हनुमान जंयती का पर्व मनाया जाएगा। कल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि 16:43:31 बजे तक रहेगी। कल सुबह षोडशोपाचार विधि से पूजा अर्चना करने से शुभ फल मिलेगा।

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