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7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

जयपुर। ग्रह नक्षत्र अपनी चाल हमेशा बदलते रहते हैं, जिस कारण से एक-दूसरे के साथ युति बनाते रहते हैं। ग्रह नक्षत्रों की इस युति के कारण 12 राशियों पर इसका अलग अलग प्रभाव पड़ता है। कुछ राशि के लिए यह शुभ तो कुछ राशि के लिए यह अशुभ होता है। ऐसे ही 7 मई
7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

जयपुर। ग्रह नक्षत्र अपनी चाल हमेशा बदलते रहते हैं, जिस कारण से एक-दूसरे के साथ युति बनाते रहते हैं। ग्रह नक्षत्रों की इस युति के कारण 12 राशियों पर इसका अलग अलग प्रभाव पड़ता है। कुछ राशि के लिए यह शुभ तो कुछ राशि के लिए यह अशुभ होता है।

7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

 

ऐसे ही 7 मई के दिन मंगल और राहु मिथुन राशि में अंगारक योग बना रहे हैं। कुंडली के 12  भावों में इस योग के प्रभाव भी अलग-अलग हो सकते हैं। आज हम इस लेख में अंगारक योग का कुंडली के किस भाव में क्या प्रभाव पड़ेगा इस बारे में बता रहें हैं।

7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

ज्योतिष में माना जाता है कि मंगल और राहु कुंडली के किसी भी घर में साथ हो, तो अंगारक योग बनता है। यह योग अच्छा और बुरा दोनों तरह का होता है। कुंड़ली के किस भाव में यह योग बन रहा है उस आधार पर अंगारक योग के शुभ व अशुभ फल का निर्धारण होता है। अंगारक योग के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन में लड़ाई-झगड़े की स्थिति बनती है।  अंगारक योग के कारण व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक, हिंसक तथा नकारात्मक हो जाता है। इसके कारण रिश्ते खराब होने लगते हैं। धन संबंधित परेशानियां आती है। अगर किसी महिला की कुंडली में यह योग हो तो उसे संतान प्राप्ति में बाधा आती है।

7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

  • पहला घर – पेट से संबंधित रोग, शारीरिक चोट, अस्थिर मानसिकता और क्रूरता। उपाय – पानी में बताशे बहाएं। हर मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं।
  • दूसरा घर – आर्थिक उतार-चढ़ाव। उपाय – बांए हाथ ही छोटी अंगुली में चांदी की अंगूठी पहनें।
  • तीसरा घर – भाइयों से संबंध कड़वे होते हैं, धोखेबाजी से काम में सफलता। उपाय – घर में हाथी दांत रखें।
  • चौथा घर – माता को दुख व भूमि संबंधित विवाद। उपाय – सोना, चांदी और तांबा की अंगूठी पहनें।
  • पांचवा घर – संतानहीनता और जुए-सट्टे में लाभ। उपाय – रात को सिरहाने पानी का बर्तन भरकर रखें और सुबह उठते ही पेड़-पौधों में डालें।
  • छठा घर – ऋण लेकर उन्नति होती है, व्यक्ति कातिल या सर्जन भी बन सकता है। उपाय – कन्याओं को दूध और चांदी का दान दें। मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ करें।

7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

  • सातवां घर– वैवाहिक जीवन में परेशानी, नाजायज संबंध, विधवा या विधुर होना। इसके साथ ही पार्टनरशीप से लाभ भी मिलता है। उपाय – चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें।
  • आठवां घर – पैतृक सम्पत्ति मिलती है, सड़क दुर्घटना के प्रबल योग बनते हैं। उपाय – एक तरफ सिकी हुई मीठी रोटियां कुत्तों को दें।
  • नवां घर – भाग्यहीन, वहमी, रूढ़ीवादी व तंत्रमंत्र में रुचि बढ़ती है। उपाय – मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं। हर मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं।
  • दसवां घर – व्यक्ति अति कर्मठ, मेहनती, खेल में रुचि बढना। उपाय – मूंगा धारण करें।
  • ग्यारहवां घर – प्रॉपर्टी से लाभ तो मिलता है, इसके साथ ही व्यक्ति चोर, कपटी और धोखेबाज होता हैं। उपाय – घर में मिट्टी के बर्तन में सिन्दूर रखें।
  • बारहवां घर – आयात-निर्यात और रिश्वतख़ोरी से लाभ मिलता है। ऐसा व्यक्ति बलात्कारी तक हो सकता है।  उपाय – गले में चांदी का हाथी धारण करें। हर मंगलवार गाय को गुड़ खिलाएं।

7 मई से मिथुन राशि में मंगल-राहु बना रहे हैं अंगारक योग, जाने कुंड़ली कौन से भाव में क्या होगा इसका प्रभाव

मंगल और राहु कुंडली के किसी भी घर में साथ हो, तो अंगारक योग बनता है। यह योग शुभ और अशुभ दोनों तरह के प्रभाव कुंड़ली में बनाता है। अगर किसी महिला की कुंडली में यह योग हो तो उसे संतान प्राप्ति में बाधा आती है।

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