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केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 की मदद से मिले 100 नये ग्रह

जयपुर। इंसान ने अपने सौग मंडल में तो ग्रह खोज ही रहा है लेकिन चौंकाने वाली बात ये है की सौर मंडल के बाहर भी इसने कई ग्रह ढूंढे है। वैज्ञानिकों हाल ही में सौर मंडल के बाहर 100 नए ग्रह खोजे है। ये ग्रह सौर मंडल के बाहर अन्य तारों के चक्कर लगाते हैं। नासा
केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 की मदद से मिले 100 नये ग्रह

जयपुर। इंसान ने अपने सौग मंडल में तो ग्रह खोज ही रहा है लेकिन चौंकाने वाली बात ये है की सौर मंडल के बाहर  भी इसने कई ग्रह ढूंढे है। वैज्ञानिकों हाल ही में सौर मंडल के बाहर 100 नए ग्रह खोजे है। ये ग्रह सौर मंडल के बाहर अन्य तारों के चक्कर लगाते हैं। नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 से जुटाए डाटा का गहराई से अध्य्यन किया तो पाया की नये ग्रहों की जानकारियां होती है। केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 ने इन ग्रहों की खोज की पुष्टि की है।केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 की मदद से मिले 100 नये ग्रह

वैज्ञानिक सौर मंडल के बाहर पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज कर रही है। इस दौरान केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 सहायता से वैज्ञानिकों को इन ग्रहों की जानकारी मिली। शोधकर्ताओँ ने 275 कैंडिडेट्स प्लैनेट में से 95 के एक्सोप्लैनेट होने की पुष्टि की है। करीब एक दशक पहले नए ग्रहों की खोज के लिए के2 मिशन से इन ग्रहों का पता लग सका है। इस शोध के प्रमुख लेखक और पीएचडी स्टूडेंट एंड्रयू मायो ने कहा की हमे मिलने वाले करीब 275 कैंडिडेट्स का विश्लेषण किया गया जिससे ज्ञात होता है की  इसमें से 149 असली एक्सोप्लैनेट साबित हुए।केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 की मदद से मिले 100 नये ग्रह

इस मिशन के तहत सौर मंडल में के2 द्वारा अब तक 300 ग्रहों की खोज की जा चुकी है।  साथ ही मायो ने जानकारी देते हुए कहा कि एक्सोप्लैनेट जब अपने मूल तारे का चक्कर लगाते हुए उसके सामने आ जाते हैं तो एक छाया का निर्माण होता है इससे प्रकाश की किरण झुक जाती है। इस घटना से ग्रहों की पहचान की जाती है। वैज्ञानिकों ने बताया की खोजे गए ग्रहों में कुछ ग्रह पृथ्वी के बराबर हैं तो कुछ बृहस्पति या उससे भी बड़े ग्रह हैं। इनको और अच्छे जानने के लिए इन पर और शोध किये जा रहे है। केपलर स्पेस टेलीस्कोप के2 की मदद से मिले 100 नये ग्रह

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