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इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

इंटरनेट हम फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इस्तेमाल करते हैं। इससे निकलने वाली रोशनी के आगे ज्यादा देर बैठने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है, वहीं रात में इसका इस्तेमाल नींद प्रभावित करता है। ज्यादा देर इंटरनेट के इस्तेमाल से बच्चे का खेलना-कूदना कम हो जाता है और उसके शारीरिक विकास पर असर पड़ता है। वहीं, इंटरनेट की फ्रिक्वेंसी उसके दिमाग को भी प्रभावित करती है।
इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

जयपुर । आज कल हर कोई व्यक्ति डिजिटल दुनिया से जुड़ रहा है । इतना ही नही इस दुनिया ने हम सभी को अपने चंगुल में फंसा रखा है । हम सोते जागते इसी दुनिया में मसगुल रहते हैं । आज के समय में हम बच्चों का क्या कहें जनाब बच्चे तो बच्चे बाप रे बाप । बड़ों का भी इस मामले में कोई जवाब नही हैं । हर कोई इसी दुनिया का दीवाना हो चला है ।इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

हम बड़ों को तो फिर सांभल सकते हैं उन्होने अपनी जिंदगी जी ली है और इतना ही नही उनके पास खोने के लिए बांटने के लिए और परेशानी उठाने के लिए अब बचा भी कुछ भी नही है । ऐसे में यदि बच्चे इस समय में इस बीमारी के शिकार हो जाए तो वह अपना सबकुछ बर्बाद कर रहे हैं ।इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

इंटरनेट हम फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इस्तेमाल करते हैं। इससे निकलने वाली रोशनी के आगे ज्यादा देर बैठने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है, वहीं रात में इसका इस्तेमाल नींद प्रभावित करता है। ज्यादा देर इंटरनेट के इस्तेमाल से बच्चे का खेलना-कूदना कम हो जाता है और उसके शारीरिक विकास पर असर पड़ता है। वहीं, इंटरनेट की फ्रिक्वेंसी उसके दिमाग को भी प्रभावित करती है। इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

बच्चों का घंटों तक फोन का इस्तेमाल करना उनको हो सकता है की पथ भ्रष्ट भी कर दे । इतना ही नही यदि हम इस बात पर ध्यान नही दे की बच्चे क्या देख रहे हैं क्या नही तो यह भी मुसीबत का कारण बन सकता है । आज कल कई आपराधिक गतिविधियान भी इन्टरनेट से ही बच्चों को अपना शिकार बना रही है । इसलिए उनका ध्यान रखना और बी जरूरी हो आता है ।इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

इंटरनेट हम फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इस्तेमाल करते हैं। इससे निकलने वाली रोशनी के आगे ज्यादा देर बैठने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है, वहीं रात में इसका इस्तेमाल नींद प्रभावित करता है। ज्यादा देर इंटरनेट के इस्तेमाल से बच्चे का खेलना-कूदना कम हो जाता है और उसके शारीरिक विकास पर असर पड़ता है। वहीं, इंटरनेट की फ्रिक्वेंसी उसके दिमाग को भी प्रभावित करती है। इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग बना रहा है बच्चों को हर रूप से कमजोर

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