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12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिन

हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता हैं इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता हैं वही प्राचीन समय में इस तिथि पर शिवजी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था। इस कारण इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर ही श्री विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था।
12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिन

हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बहुत ही खास दिन माना जाता हैं। कार्तिक मास श्री विष्णु का प्रिय महीना होता हैं वही मंगलवार 12 नवंबर को कार्तिक माह का अंतिम पूर्णिमा हैं। इस पूर्णिमा का विशेष महत्व होता हैं इसी तिथि पर गुरुनानक देव की जयंती भी मनाई जाती हैं 12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिनइस कारण ये दिन सिख धर्म के लोगों के लिए भी बहुत ही खास होता हैं। वही ज्योतिष के मुताबिक प्राचीन काल में इसी तिथि पर विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। वही आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस पूर्णिमा के महत्व के बारे में, तो आइए जानते हैं।12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिन

हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता हैं इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता हैं वही प्राचीन समय में इस तिथि पर शिवजी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था। इस कारण इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं।12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिन वही इसके अलावा यह भी मान्यता हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर ही श्री विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। इस तिथि के संबंध में एक अन्य मान्यता यह हैं कि इस दिन देवताओं की दीपावली होती हैं इसलिए इसे देव दीपावली भी कहा जाता हैं इस दिन कार्तिक मास के स्नान समाप्त हो जाएंगे। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान, दीपदान, पूजा पाठ, आरती,हवन और दान का बहुत ही महत्व होता हैं। 12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिनवही कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के लिए सत्यनारायण की कथा करनी चाहिए। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा हैं स्नान के बाद दीपदान, पूजा, आरती और दान किया जाता हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर गरीबों को फल, अनाज, दान, चावल, गरम वस्त्र आदि चीजों का दान करना शुभ माना जाता हैं। 12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिन

हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता हैं इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता हैं वही प्राचीन समय में इस तिथि पर शिवजी ने त्रिपुरासुर नाम के दैत्य का वध किया था। इस कारण इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर ही श्री विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था। 12 नवंबर को कार्तिक मास का अंतिम दिन

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