26 अप्रैल के दिन इस खास उपाय को करने से मिलेगा आपका खोया हुआ प्यार
जयपुर । 26 अप्रैल शुक्रवार के दिन वैशाख कृष्ण प्रदोष पर कालाष्टमी पर्व मनाया जाएगा, इस दिन काल भैरव की पूजा अर्चना की जाएगी व व्रत किया जाएगा। शिवपुराण के अनुसार इसी दिन ही रुद्रावतार भैरव की उत्पन्न हुई थी, जिस कारण से इसे कालाष्टमी कहा जाता हैं। कालाष्टमी के दिन भैरव की पूजा करने से मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भैरव की विधिवत व्रत, पूजन व उपाय करने से जीवन में सफलता, पारिवारिक समृद्धि के साथ ही कुंडली को क्रूर ग्रहों के प्रभाव से मुक्ती मिलती है।
कालाष्टमी के दिन व्रत व पूजन के लिए घर के मंदिर में शाम के समय भैरव का विधिवत पूजन किया जाता है। सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जला कर गुगल की धूप व केसर का तिलक लगाया जाता है, इसके बाद कालभैरव को लाल फूल चढ़ा कर मीठी रोटी का भोग लगाया जाता है व काल भैरव का जप करें 4 मीठी रोटी कुत्ते को खिलायी जाती है।
कालाष्टमी पर पूजा मुहूर्त – शाम 7:05 बजे से रात 8:05 बजे तक।
मंत्र – ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः॥ इस मंत्र का जाप 108 बार करने से शुभ फल मिलता है व मनोकामना पूरी होती है।
उपाय
- प्रेम विवाह में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन भोजपत्र पर प्रेमी का नाम लिखकर भैरव मंदिर में चढ़ाएं।
- पारिवारिक सुख समृद्धि के लिए इस दिन भैरव पर मौली अर्पित कर उससे घर के मेन गेट पर बांध दें।
- भैरव पर इमरती अर्पित कर उसमें से 4 इमरती कुत्तों को खिलाने से क्रूर ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है।