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कालाष्टमी पर शिव के काल भैरव स्वरूप की करें पूजा

कालाष्टमी हिंदू पंचांग के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती हैं फाल्गुन मास की कालाष्टमी 15 फरवरी 2020 दिन शनिवार को पड़ रही हैं काल अष्टमी के दिन शिव के काल भैरव स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती हैं काल अष्टमी को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता हैं काल अष्टमी के दिन काल भैरव के साथ देवी मां दुर्गा की भी पूजा की जाती हैं।
कालाष्टमी पर शिव के काल भैरव स्वरूप की करें पूजा

हिंदू धर्म में कालाष्टमी के दिन को विशेष माना गया हैं कालाष्टमी हिंदू पंचांग के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती हैं फाल्गुन मास की कालाष्टमी 15 फरवरी 2020 दिन शनिवार को पड़ रही हैं काल अष्टमी के दिन शिव के काल भैरव स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती हैंImage result for कालाष्टमीकाल अष्टमी को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता हैं काल अष्टमी के दिन काल भैरव के साथ देवी मां दुर्गा की भी पूजा की जाती हैं। काल भैरव की पूजा करने से कार्यों में सफलता हासिल होती हैंImage result for कालाष्टमी वही शिव पुराण में बताया गया हैं कि काल भैरव शिव के ही रूप हैं शिव की नगरी काशी के वे कोतवाल भी कहे जाते हैं तो आज हम आपको काल भैरव अष्टमी से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। Image result for कालाष्टमीजानिए पूजन का शुभ मुहूर्त—
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का प्रारंभ 15 फरवरी दिन शनिवार को शाम 4 बजकर 29 मिनट पर हो रहा हैं, जो 16 फरवरी दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट तक हैं।

जानिए पूजन विधि—
काल अष्टमी की रात में काल भैरव की पूजा विधि विधान से करना चाहिए। इस दौरान भैरव कथा का पाठ करना चाहिए। उनको पूजन के बाद जल अर्पित करें। काल भैरव का वाहन कुत्ता हैं इस दिन को भोजन कराना शुभ और फलदायी माना जाता हैं काल भैरव की पूजा के बाद देवी दुर्गा की भी विधिपूर्वक पूजा करें। वही रात में मां पार्वती और शिव की कथा सुनकर रात्रि जागरण करें। Image result for कालाष्टमी

कालाष्टमी हिंदू पंचांग के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती हैं फाल्गुन मास की कालाष्टमी 15 फरवरी 2020 दिन शनिवार को पड़ रही हैं काल अष्टमी के दिन शिव के काल भैरव स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती हैं काल अष्टमी को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता हैं काल अष्टमी के दिन काल भैरव के साथ देवी मां दुर्गा की भी पूजा की जाती हैं। कालाष्टमी पर शिव के काल भैरव स्वरूप की करें पूजा

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