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कैफी ने हर स्तर पर अन्याय का विरोध किया : जावेद अख्तर

गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि कैफी आजमी ने अपनी शायरी में उपेक्षित वर्ग की नुमाइन्दगी करते हुए अपना पूरा जीवन बिताया है। उन्होंने मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक हालात पर अपनी चिंता व्यक्त की। जावेद ने कलमकारों से आह्वान किया कि वह पूरी ईमानदारी से इस चिंताजनक माहौल के विरुद्ध लिख कर अपनी जिम्मेदारी पूरी
कैफी ने हर स्तर पर अन्याय का विरोध किया : जावेद अख्तर

गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि कैफी आजमी ने अपनी शायरी में उपेक्षित वर्ग की नुमाइन्दगी करते हुए अपना पूरा जीवन बिताया है। उन्होंने मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक हालात पर अपनी चिंता व्यक्त की। जावेद ने कलमकारों से आह्वान किया कि वह पूरी ईमानदारी से इस चिंताजनक माहौल के विरुद्ध लिख कर अपनी जिम्मेदारी पूरी करें। प्रगतिशील कवि और फिल्मी गीतकार कैफी आजमी के जन्मदिन के अवसर पर दिल्ली उर्दू अकादमी, दिल्ली सरकार के सौजन्य से ‘जश्न-ए-कैफी’ समारोह का आयोजन मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर जावेद ने अपने अनोखे अंदाज में अपनी एक कविता भी सुनाई।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मौके पर कहा, “अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध कैफी आजमी ने जिस प्रकार अपनी कलम का इस्तेमाल किया, वह सराहनीय है और उनके उच्च विचारों का प्रतीक है। इस समय जो नफरत की सियासत का बाजार गर्म है, ऐसे में उनकी शायरी का महत्व और बढ़ जाता है।”

इस अवसर पर कैफी आजमी की पुत्री और अभिनेत्री शबाना आजमी ने कहा, “मेरे पिता जी उन कवियों में से थे, जो एक उद्देश्य के तहत शायरी की और सदैव आम जन मानस की समस्याओं के हल और समाज के दबे-कुचले और गरीबों के उत्थान के लिए प्रयत्नशील रहे हैं।”

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में उर्दू विभाग के प्रोफेसर और विख्यात प्रगतिशील आलोचक अली अहमद फातमी ने कैफी आजमी के काव्य और उनके व्यक्तितिव पर बीज वक्तव्य दिया।

इस अवसर पर साहित्य अकादमी से प्रकाशित कैफी आजमी पर उनके मोनोग्राफ का भी लोकार्पण किया गया।

न्यूज स्.ारेत आईएएनएस

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