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ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

शास्त्रों के अनुसारज्येष्ठ मास सूर्यदेव को समर्पित है। सूर्यदेव की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा गया है। इस माह में दो महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस महिने में सूर्यदेव के साथ ही वरुण देव की उपासना करने को शुभ माना जाता है। ज्येष्ठ माह के लिए माना जाता है कि पौधों को जल दें, प्यासों को पानी पिलाएं इसके साथ ही इस माह में जल की बर्बादी न करें। नित्य प्रातः और सायं सूर्य मंत्र का जाप करें।
ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

जयपुर। चैत्र मास से हिंदू संवत्सर शुरु होता है, ऐसे में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार तीसरा माह ज्येष्ठ माह को माना जाता है। इस माह में शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव को समर्पित किया गया है। सौरमंडल में सूर्यदेव की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा गया है। इस माह में जल के संबंधित व्रत और त्योहार किया जाता है। ज्येष्ठ मास में दो महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस महिने में सूर्यदेव के साथ ही वरुण देव की उपासना करने को शुभ माना जाता है।

ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

प्राचीन समय से ही गंगा मां की पूजा करने के साथ ही जल के महत्त्व को समझते हुए ऋषि मुनियों ने ज्येष्ठ माह को गंगा दशहरा पर्व से संबंधित किया क्योंकि इस माह में सूर्य अपनी पूरी गर्मी से पृथ्वी पर इंसान के साथ ही जानवरो पशु पक्षियों को झुलसाते हैं जिससे निजात पाने के लिए पानी जल की एक साधन नजर आता है। इस लिए जल के महत्व को बताने के लिए गंगा दशहरा पर्व मनाया जा रहा है।

ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

ज्येष्ठ माह में माना जाता है कि पौधों को जल दें, प्यासों को पानी पिलाएं इसके साथ ही इस माह में जल की बर्बादी न करें। नित्य प्रातः और सायं सूर्य मंत्र का जाप करें। ज्येष्ठ के हर रविवार को उपवास रखें। ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।

ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। ज्येष्ठ अमावस्या पूर्वजों की शांति और दान-तर्पण के लिए शुभ मानी जाती है। ज्येष्ठ अमावस्या पर शनिदेव की जयंती मनाई जाती है। वट सावित्री व्रत भी ज्येष्ठ अमावस्या को ही रखा जाता है। गंगा दशहरा का त्योहार ज्येष्ठ मास में मनाया जाने वाला विशेष त्योहार है। यह मोक्षदायिनी मां गंगा के महत्व को बताता है। इस माह निर्जला एकादशी का उपवास भी रखा जाता है। इस माह गायत्री जयंती भी मनाई जाती है।

ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

शास्त्रों के अनुसारज्येष्ठ मास सूर्यदेव को समर्पित है। सूर्यदेव की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा गया है। इस माह में दो महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जिसमें गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस महिने में सूर्यदेव के साथ ही वरुण देव की उपासना करने को शुभ माना जाता है। ज्येष्ठ माह के लिए माना जाता है कि पौधों को जल दें, प्यासों को पानी पिलाएं इसके साथ ही इस माह में जल की बर्बादी न करें। नित्य प्रातः और सायं सूर्य मंत्र का जाप करें। ज्येष्ठ माह में शुभ फल प्राप्ति के लिए करें इन कामों को

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