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नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना

नशा कई प्रकार का होता है । जरूरी नही है की वह किसी मादक पदार्थ का सेवन करके ही किया जाये । हाल की स्थिति देखते हुए मादक पदार्थ और अन्य दोनों ही बराबर मात्र में लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं । मादक पदार्थों का नशा शराब, सिगरेट, ड्रग्स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं । पर अन्य चीजों की तो शायद हम गणना भी नही कर सकते हैं ।
नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना

जयपुर।  आज नशा निरोध दिवस है । कभी किसी से ने  यह सोचने की जरा भी जहमत की है की इस दिन की आखिर जरूरत ही क्यों पड़ी की एक पूरा दिन इस दिन की जागरूकता के नाम कर दिया गया है । वैसे तो हर देश शहर में कई तरह के ऐसे प्रोग्राम है जो की नशा मुक्ति के लिए वहाँ की सरकार चला ही रही है । जिसके लिए किसी भी खास दिन की कोई जरूरत नही है । पर यह एक दिन हम जैसे आम लोगों को भी मौका देता है की हम इस अलख में जो की ना जाने कितने लाखों लोगों की जिंदगी को बचाने के लिए जगाई जा रही है उसका हिसा भी बन सकें और कुछ महत्वपूर्ण जानकारीयां भी प्राप्त कर सकें ।नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना

नशे की आदत कहें या आज का फैशन दोनों ही बातें गलत नही होगी । यह नशे की आदत गाँव से ज्यादा शहरों में आपको देखने को मिलेगी । आज के समय में तो नशा करना , शराब पीना , स्मोक ( धूम्रपान ) करना , ड्रग्स लेना यह सभी काम शहरों  में बहुत तेज़ी से फैल रहा है । देखने में आया है की अब तो इन सभी आदतों का शिकार न की सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाएं भी ज्यादा तादाद में हो रही है ।आज लगभग ३० % के आस पास महिलायें नशे का शिकार हैं।

नशा कई प्रकार का होता है । जरूरी नही है की वह किसी मादक पदार्थ का सेवन करके ही किया जाये । हाल की स्थिति देखते हुए मादक पदार्थ और अन्य दोनों ही बराबर मात्र में लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं । मादक पदार्थों का नशा  शराब, सिगरेट, ड्रग्‍स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं और भी कई सारी चीज़ें है जो की लोगों को बहुत ही तेज़ी से लोगों को अपना आदी बना रहा है ।नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना

नशा करने से होने वाले नुकसान :-

  • नशा करने वाले व्यक्ति को मानसिक परेशानी बहुत ज्यादा होती है , जैसे की पागल पन हो जाना , यादाश्त का चले जाना या कमजोर हो जाना ।
  • आक्रामक बहुत ज्यादा रहना , कैंसर के कई प्रकारों का शिकार हो जाना , लीवर का फेलियर , लंग्स की परेशानी और भी कई सारी बीमारियों का शिकार होते चले जाना ।
  • कार्य में हास होना , आर्थिक तंगी का शिकार हो जाना।
  • नशा करने वाला व्‍यक्‍ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है।नशा करने वाला व्‍यक्‍ति सदैव अपने ख्‍यालों में ही रहता है, उसे अपने आस-पास के माहौल से ज्‍यादा मतलब नहीं होता है।
  • नशा करने वाला व्‍यक्‍ति आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक सभी से कमजोर होता है।नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना
  • नशा करने वाला व्‍यक्‍ति अपने समाज एवं परिवार से बिलकुल दूर हो जाता है।नशा करने वाला व्‍यक्‍ति सबसे ज्‍यादा दुर्घटनाओं का शिकार होता है।
  • नशा करने वाला व्यक्ति अकेलेपन का शिकार तो होता ही है साथ ही वह और भी कई सारी बुरी आदतों का शिकार हो जाता है । जैसे मार पिटाई करना , चोरी करना , अपने परिवार से दूर हो जाना , दोस्तों को खो देना , अपनी सामाजिक छवि कोखों देना और साथ ही साथ अपना कार्य क्षमता का हास कर बैठना इत्यादि हैं जो की व्यक्तियों को नुकसान पहुंचा रहा है ।नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना
नशा कई प्रकार का होता है । जरूरी नही है की वह किसी मादक पदार्थ का सेवन करके ही किया जाये । हाल की स्थिति देखते हुए मादक पदार्थ और अन्य दोनों ही बराबर मात्र में लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं । मादक पदार्थों का नशा  शराब, सिगरेट, ड्रग्‍स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं । पर अन्य चीजों की तो शायद हम गणना भी नही कर सकते हैं । नशे के भी होते हैं कई प्रकार नहीं है किसी सीमा तक इसका सिमित होना

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