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Jammu-Kashmir का सर्व समावेशी रोजगार मॉडल अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का नेतृत्व कर सकता है (कश्मीर भाग -1)

जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए बेरोजगारी का समाधान करना सर्वोच्च प्राथमिकता रही है । पिछले दो वर्षों में पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2020 में 19,600 युवाओं को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाला बनाने के लिए
Jammu-Kashmir का सर्व समावेशी रोजगार मॉडल अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का नेतृत्व कर सकता है (कश्मीर भाग -1)

जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए बेरोजगारी का समाधान करना सर्वोच्च प्राथमिकता रही है । पिछले दो वर्षों में पिछले कई वर्षों की तुलना में अधिक नौकरियों का सृजन हुआ है।

जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2020 में 19,600 युवाओं को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाला बनाने के लिए 340 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। चालू वित्त वर्ष के लिए यह सहायता 50,000 युवाओं को कवर करने के लिए बढ़ाई गई है।

“सेवा चयन भर्ती बोर्ड (एसएसआरबी) द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में 18,000 पद भरे जा रहे हैं।”

“लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासनिक और अन्य राजपत्रित रैंकों के लिए प्रतिस्पर्धा के माध्यम से 600 से अधिक पद भरे जा रहे हैं।”

“सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उपक्रमों में अन्य 25,000 नौकरियां प्रदान की जा रही हैं।”

यूटी के सामान्य प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “सिविल सेवाओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जम्मू और श्रीनगर शहरों में दो अत्याधुनिक कोचिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।”

दंत शल्य चिकित्सकों एवं पैरामेडिक्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

सभी 20 जिलों में डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि 22,500 ग्रामीण युवाओं को युवा क्लबों में शामिल करने के लिए 4,290 पंचायतों को 12 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में प्रतिष्ठित संगठनों और कॉरपोरेट घरानों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के कौशल विकास के लिए आविष्कार, नवाचार और प्रशिक्षण (सीआईआईआईटी) के लिए बारामूला और जम्मू जिलों में एक-एक केंद्र स्थापित करने के लिए कहा गया है।

विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए वन स्टॉप सुविधा केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

साइको-सोशल सपोर्ट प्रदान करने के लिए इस वर्ष 8 जिलों में परामर्श केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं।

18-35 आयु वर्ग के पांच हजार दिव्यांग युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि वे डिजिटल वल्र्ड से जुड़ सकें और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से जुड़ सकें।

इस वर्ष पचास मॉडल सामुदायिक उद्यमी इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।

मनोरंजन और सामाजिक जुड़ाव के तहत, सभी 20 जिलों को कवर करते हुए ब्लॉक से यूटी स्तर तक क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेलों में उपराज्यपाल ट्रॉफी का आयोजन किया जा रहा है।

संक्षेप में, जम्मू और कश्मीर ने एक समावेशी रोजगार मॉडल की शुरूआत की है जो देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

–आईएएनएस

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