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कोरोना का आरटीआई मामलों की निपटान दर पर असर नहीं पड़ा : जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) की निपटान दर पर कोरोनावायरस महामारी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सिंह ने कहा कि महामारी की बाधाओं के बावजूद इस अवधि के दौरान मामलों के निपटाने की दर काफी अधिक रही। दरअसल, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कुछ वरिष्ठ नेताओं
कोरोना का आरटीआई मामलों की निपटान दर पर असर नहीं पड़ा : जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) की निपटान दर पर कोरोनावायरस महामारी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सिंह ने कहा कि महामारी की बाधाओं के बावजूद इस अवधि के दौरान मामलों के निपटाने की दर काफी अधिक रही। दरअसल, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा ऐसी टिप्पणी की जा रही थी कि कोविड-19 महामारी के कारण केंद्र सरकार विभिन्न आयोगों के कामकाज पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसमें केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के काम को भी निष्क्रिय बताया जा रहा था। सिंह ने अब इस तरह की टिप्पणियों का जवाब दिया है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने इस साल जून में 1,785 मामलों का निपटारा किया है, जबकि पिछले साल जून में 1,298 मामले निपटाए गए थे, जो कि दूसरे शब्दों में यह इंगित करता है कि कोविड-19 महामारी की बाधाओं के बावजूद इस अवधि के दौरान निपटान दर वास्तव में काफी अधिक रही।

मुख्य सूचना आयुक्त बिमल जुल्का के साथ सीआईसी के कामकाज की समीक्षा के बाद, मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान आयोग का कामकाज एक दिन भी बाधित नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि महामारी की बाधाओं के बावजूद इस अवधि के दौरान मामलों के निपटाने की दर काफी अधिक रही। कार्मिक राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि महामारी के बीच में इस साल 15 मई से आयोग ने डिजिटल माध्यमों के जरिए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर से आरटीआई मामलों की सुनवाई शुरू की।

सिंह ने आयोग द्वारा संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अधिकारियों के घरेलू कंप्यूटरों के लिए ई-ऑफिस का विस्तार किया गया है और मामलों के निपटान के लिए तकनीकी उपकरणों का गहन उपयोग किया गया है।

जुल्का ने मंत्री को बताया कि राष्ट्रव्यापी बंद और आंशिक बंद के दौरान सुनवाई सुगम बनाने के लिए कई कदम उठाए गए। इनमें वीडियो कॉन्फ्रेंस, ऑडियो कॉन्फ्रेंस, रिटर्न जमा करने की सुविधा, वेबसाइट पर सब-रजिस्ट्रारों के संपर्क विवरण अपलोड करना, आवश्यक होने पर ऑनलाइन पंजीकरण और नए मामलों की उसी दिन जांच आदि शामिल हैं।

न्यूज स्त्रोत आईएएनएस

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