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14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथ

रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी पर लौहनगरी कृष्णमयी होने लगा हैं वही 23 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएंगा। तो 24 अगस्त को कृष्णाष्टमी का व्रत हैं वही जन्माष्टमी पर ग्रह गोचरों का महासंयोग वरदान होगा। इस तिथि पर छत्र योग, सौभाग्य सुंदरी योग और श्रीवत्स योग बन रहा हैं पूजन और व्रतियों के लिए यह फलदायी और लाभकारी सिद्ध हो सकता हैं वही 14 सालों के बाद तीन संयोग एक साथ इस जन्माष्टमी पर बन रहे हैं। वही कृष्ण जन्माष्टमी के समय सूर्य देव अपनी सिंह राशि में रहेंगे।
14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथ

हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता हैं वही रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी पर लौहनगरी कृष्णमयी होने लगा हैं वही 23 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएंगा। तो 24 अगस्त को कृष्णाष्टमी का व्रत हैं वही जन्माष्टमी पर ग्रह गोचरों का महासंयोग वरदान होगा। 14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथवही इस तिथि पर छत्र योग, सौभाग्य सुंदरी योग और श्रीवत्स योग बन रहा हैं पूजन और व्रतियों के लिए यह फलदायी और लाभकारी सिद्ध हो सकता हैं वही 14 सालों के बाद तीन संयोग एक साथ इस जन्माष्टमी पर बन रहे हैं। वही कृष्ण जन्माष्टमी के समय सूर्य देव अपनी सिंह राशि में रहेंगे। वही भगवान श्रीकृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा रात्रि 12:10 बजे के बाद ही सर्वश्रेष्ठ हैं। अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों का अपूर्व संयोग से मध्य रात्रि में जन्मोत्सव मनेगा।14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथ

भगवान श्रीकृष्ण जी को विष्णु जी का आंठवा अवतार माना जाता हैं वही पुराणों के मुताबिक मां तुलसीभगवान विष्णु से विवाह करना चाहती थी। ऐसे में इस दिन तुलसी के पौधे को हाथ लगाना या फिर पत्ता तोड़ना अशुभ माना जाता हैं वही भगवान का प्रसाद तुलसी के पत्ते के बगैर अधूरा भी हैं वही ऐसे में एक दिन पहले तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लेने में ही भलाई हैं। वही भगवान श्रीकृष्ण जी की पूजा हमेशा ही आधी रात यानी की 12 बजते ही करनी चाहिए।14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथवही कई बार मंदिरों में लोग कान्हा को भारी भरकम वस्त्र पहनाना पसंद करते हैं, कान्हा को उसी तरह तैयार करें जिस तरह आप घर में जन्मे नवजा शिशु को करते हैं,जितने हो सके कान्हो को मुलायम वस्त्र पहनाएं ऐसा महसूस करें जैसे सच में आपके घर कान्हा ने जन्म लिया हैं। वही भगवान कृष्ण जी के लिए उनके सभी भक्त एक सामान हैं, किसी भी गरीब का अपमान करना भगवान श्रीकृष्ण को अप्रसन्न कर सकता हैं जितना हो सके आज के दिन गरीबों का दान करें और कान्हा की खुशियों के भागीदार बनें। 14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथ

रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी पर लौहनगरी कृष्णमयी होने लगा हैं वही 23 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएंगा। तो 24 अगस्त को कृष्णाष्टमी का व्रत हैं वही जन्माष्टमी पर ग्रह गोचरों का महासंयोग वरदान होगा। इस तिथि पर छत्र योग, सौभाग्य सुंदरी योग और श्रीवत्स योग बन रहा हैं पूजन और व्रतियों के लिए यह फलदायी और लाभकारी सिद्ध हो सकता हैं वही 14 सालों के बाद तीन संयोग एक साथ इस जन्माष्टमी पर बन रहे हैं। वही कृष्ण जन्माष्टमी के समय सूर्य देव अपनी सिंह राशि में रहेंगे। 14 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी में तीन संयोग एक साथ

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