Janaki jayanti 2021: 6 मार्च को है जानकी जयंती, जानिए महत्व और पूजन विधि
हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती का त्योहार मनाया जाता हैं मान्यताओं के मुताबिक इस दिन सीता माता प्रकट हुई थी। इस साल जानकी जयंती 6 मार्च दिन शनिवार को पड़ रहा हैं जानकी जयंती को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता हैं इस दिन फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को होती हैं। तो आज हम आपको जानकी जयंती का महत्व और पूजन विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
इस दिन माता सीता की पूजा की जाती हैं इसके बाद देवी मां सीता को पीले पुष्प, वस्त्र ओर श्रृंगार का सामान अर्पित किया जाता हैं इस दिन देवी मां सीता से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना की जाती हैं मान्यताओं के मुताबिक जानकी जयंती के दिन पूजा करने से महिलाओं को विशेष फल की प्राप्ति होती हैं इस दिन पूजा करने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
जानिए जानकी जयंती का मुहूर्त—
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ— 5 मार्च को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर।
अष्टमी तिथि का समापन— 6 मार्च शनिवार को शाम 6 बजकर 10 मिनट पर।
उदया तिथि— 6 मार्च 2021
जानकी जयंती का शुभ पंचांग—
सूर्योदय— सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर।
सूर्यास्त— शाम के समय में 6 बजकर 24 मिनट पर।
राहुकाल— सुबह 9 बजकर 37 मिनट से दिन में 11 बजकर 5 मिनट तक।
जानिए माता सीता के जन्म से जुड़ी कथा—
एक पौराणिक कथा के मुताबिक रामायण के अनुसार एक बार मिथिला के राजा जनक यज्ञ के एि खेत को जोत रहे थे। उसी समय एक क्यारी में दरार हुई और उसमें से एक नन्ही बच्ची प्रकट हुईं। उस समय राजा जनक की कोई संतान नहीं थी। इसलिए इस कन्या को देख वह मोहित हो गए और गोद ले लिया। आपको बता दें कि हल को मैथिली भाषा में सीता भी कहा जाता हैं और यह कन्या हल चलाते हुए ही मिलीं इसलिए इनका नाम सीता रखा गया।