करें दिन का शुभारंभ इस आरती से
जयपुर। हिन्दू धर्म में जीवन का आधार त्रिदेवों को माना जाता है। इन त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु और शिव को माना जाता है। सोमवार का दिन शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सारी इच्छाओं की पूर्ती होती है।
भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है। भगवान शिव को रुद्र भोलेनाथ आदि के नाम से जाना जाता है। अगर भक्त इनकी पूजा सच्चे मन से करें तो भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त की सारी इच्छा पूरी करते हैं।आज भगवान शिव की पूजा को सफल बनाने के लिए व इनकी आराधना के लिए इस आरती का पाठ करें।
ॐ जय शिव ओंकारा……
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे |
हंसासंन ,गरुड़ासन ,वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें |
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
अक्षमाला ,बनमाला ,रुण्ड़मालाधारी |
चंदन , मृदमग सोहें, भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें
सनकादिक, ब्रम्हादिक ,भूतादिक संगें
ॐ जय शिव ओंकारा……
कर के मध्य कमड़ंल चक्र ,त्रिशूल धरता |
जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी |
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा……
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें |
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…..
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा……