शनिदेव की पूजा करें इस आरती से सम्पन्न
जयपुर । शनिवार का दिन भगवान शनिदेव और हनुमान जी को समर्पित है। आज के दिन भगवान शनिदेव और हनुमान जी की पूजा करना विशेष माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। ये दंडाधिकारी माना जाते है।
भगवान शनि सब को उसके अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर किसी की कुंड़ली में शनि के कृदृष्टी हो तो उस व्यक्ति के जीवन में परेशानी आने लगती है। भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि मंदिरों में तेल चढ़ाया जाता हैं। इसके साथ ही शनिवार के दिन इनकी पूजा व आरती की जाती है।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय.॥
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय.॥
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय.॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय.॥
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥जय.॥