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शनि पूजा को बनाएं मंगलमय इस आरती से

जयपुर। शनिवार का दिन भगवान शनि के समर्पित है, शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि के कुप्रभाव से बचे रहते हैं। क्योकि जिस पर शनि की कुदृष्टी पडती है शनि के कारण वह बहुत परेशान रहता है। शास्त्रों में भगवान शनि को न्याय का देवता माना गया है। इनके दण्ड विधान से
शनि पूजा को बनाएं मंगलमय इस आरती से

जयपुर। शनिवार का दिन भगवान शनि के समर्पित है, शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि के कुप्रभाव से बचे रहते हैं। क्योकि जिस पर शनि की कुदृष्टी पडती है शनि के कारण वह बहुत परेशान रहता है। शास्त्रों में  भगवान शनि को न्याय का देवता माना गया है। इनके दण्ड विधान से कोई बच नहीं सकता। सभी व्यक्ति को कर्मों के आधार पर दण्ड का निर्धारण शनि ही करते हैं। इनके दण्ड से कोई बच नहीं सकता। किसी के साथ भी शनि देव अन्याय नहीं करते।

आज भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा इस आरती से संपन्न करेंगे। इसके साथ ही शनि की पूजा करने के साथ साछ शनिदेव में सरसों का तेल भी चढाएंगे।  ऐसा करने से शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहेगी। शनि की कृपा मिलने से जीवन की कई परेशानी से बचा जा सकता है।

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय.॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय.॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय.॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय.॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥जय.॥

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